मुजफ्फरपुर: अखाड़ाघाट पुल की मरम्मत के भुगतान पर रोक लगेगी. ये लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि जांच के दौरान एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक तय मानक के मुताबिक काम नहीं हुआ है. एसडीओ ने मौके पर जा कर पुल के निर्माण कार्य की जांच की थी. उन्होंने पुल निर्माण निगम से मरम्मत के इस्टीमेट की मांग की है, जो अभी एसडीओ को मुहैय्या नहीं कराया गया है. जांच में आरइओ-वन के कार्यपालक अभियंता विजयशील कश्यप भी शामिल थे. इस वजह से जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पायी है.
प्रभात खबर में मरम्मत में गड़बड़ी होने का मामला प्रमुखता से छपने के बाद डीएम अनुपम कुमार ने मामले के जांच के आदेश दिये थे. उन्होंने एसडीओ के नेतृत्व में तीन अधिकारियों की टीम गठित की थी. उनसे रिपोर्ट तलब की थी. अब ये माना जा रहा है, मरम्मत का इस्टीमेट मिलते ही एसडीओ अपना जांच रिपोर्ट डीएम को सौप देंगे, जिसमें मरम्मत के भुगतान पर रोक लगाने की अनुसंशा की जायेगी.
हालांकि इस संबंध में एसडीओ से जब बात की गयी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, हमने मौके पर जाकर जांच जरूर की थी. वहां मैने जो देखा है, उसका जिक्र मैं अपनी रिपोर्ट में करूंगा. मुजफ्फरपुर शहर की लाइफ लाइन माने-जानेवाले अखाड़ाघाट पुल की मरम्मत के लिए एक करोड़ 43 लाख रुपये स्वीकृत हुये थे.
24 मार्च से पुल के मरम्मत को लेकर पुल को बंद भी कर दिया गया था. पुल के मरम्मत कार्य शुरू हुआ. मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले विभाग के वरीय परियोजना अभियंता बीके सिंह ने बताया था, जैक से पुल का उठा कर बैरिंग भी बदलना है. जिसके लिए पुल पर आवागमन 15 से 20 दिन तक बंद करना आवश्यक है. इसी को ध्यान में रख पुल मरम्मत कार्य शुरू हुआ, लेकिन पुल उठा कर बैरिंग नहीं बदला गया. कुछ हिस्से की मरम्मत की गयी. मरम्मत कार्य की स्थिति को देख कर स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया व गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी से जांच करने की मांग की थी. इधर, पुल निर्माण निगम के वरीय अभियंता बीके सिंह ने बताया कि चुनाव कार्य को लेकर अब तक इस्टीमेट नहीं दे पाये हैं. दो रोज में जांच टीम को इस्टीमेट उपलब्ध करा दिया जायेगा.