मुजफ्फरपुर : लिवोफ्लोक्सासीन व ओफ्लोक्सासीन सिरप बेचने पर जिले की दवा दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन ने केमिस्ट एसोसिएशन को दोनों दवाएं नहीं बेचने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार की ओर से प्रतिबंध का निर्देश जारी होने के बाद जिले में इसकी बिक्री पर रोक के साथ चिकित्सकों को इन दवाओं को नहीं लिखने को कहा गया है.
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लिवोफ्लोक्सासीन, ओफ्लोक्सासीन सिरप बेचने पर होगी कार्रवाई
मुजफ्फरपुर : लिवोफ्लोक्सासीन व ओफ्लोक्सासीन सिरप बेचने पर जिले की दवा दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन ने केमिस्ट एसोसिएशन को दोनों दवाएं नहीं बेचने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार की ओर से प्रतिबंध का निर्देश जारी होने के बाद जिले में इसकी बिक्री पर रोक के साथ चिकित्सकों को इन दवाओं […]
पिछले वर्ष अक्तूबर में ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि ने डीएम व सीएस को पत्र लिख कर इन दोनों दवाओं से बच्चों पर साइड इफेक्ट की बात कही थी. इसके बाद प्रज्ञा भारती संस्थान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को ड्रग इंस्पेक्टर के पत्र का हवाला देते
हुए इन दवाओं के बारे में जानकारी मांगी थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ड्रग ऑथोरिटी ने पत्र में कहा था कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से इन दवाओं का कंपोजीशन मान्य नहीं है. इसके बाद बिहार सरकार ने इन दवाओं को बैन करने का निर्णय लिया.
सीएस का केमिस्ट एसोसिएशन को निर्देश
चिकित्सकों को भी दवा नहीं लिखने का निर्देश
चार माह पूर्व आया था दवा के बैन का निर्देश
सरकारी स्तर पर इन दवाओं की खरीद होती थी. अब ये दवाएं नहीं खरीदी जायेंगी. सहायक औषधि नियंत्रक को निर्देश दिया गया है कि इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाएं.
डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन
दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए ड्रग कंट्रोलर का पत्र आया है. हमलोग ये दवाएं कंपनी को वापस कर देंगे. इन दवाओं की बिक्री अब नहीं की जायेगी.
दिलीप जालान, संयुक्त सचिव, केमिस्ट एसोसिएशन
ये दवाएं बैन करनी हैं. इसके लिए सभी दवा दुकानों को निर्देश दिया जा रहा है. इसकी बिक्री करने पर कार्रवाई की जायेगी.
कमला कुमारी, सहायक औषधि नियंत्रक
दवाओं को अगर बैन करना है, तो इसका निर्माण क्यों हो रहा है. बहुत पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट आयी थी कि लंबे समय तक यह दवा देने से बच्चों के कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है. यह सेकेंड लाइन दवा है. इसका मिसयूज करने से परेशानी होती है. सरकार का निर्णय स्वागतयोग्य है.
डॉ राजीव कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ,
दवाओं की जांच में यह बात सामने आयी थी कि ये बच्चों के लिए हानिकारक है. मैंने इसकी जांच कर रिपोर्ट डीएम व सीएस को सौंपी थी. राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है. यह बहुत अच्छा फैसला है. बच्चे कई तरह की बीमारियों से बचेंगे.
विकास शिरोमणि, ड्रग इंस्पेक्टर
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