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मिठनसराय के एक हिस्से में बाढ़ का पानी

ऊंचे स्थानों व पुस्तकालय में ली शरण, कुछ लोगों ने फोरलेन पर बनाया अशियाना प्रशासन की ओर से किये गये हैं इंतजाम मुजफ्फरपुर : प्रभात खबर के गोद लिये गांव मिठनसराय के एक हिस्से में बूढ़ी गंडक का पानी घुस गया है. इससे पचास से ज्यादा परिवारों पर संकट आ गया है. बाढ़ का पानी […]

ऊंचे स्थानों व पुस्तकालय में ली शरण, कुछ लोगों ने फोरलेन पर बनाया अशियाना

प्रशासन की ओर से किये गये हैं इंतजाम

मुजफ्फरपुर : प्रभात खबर के गोद लिये गांव मिठनसराय के एक हिस्से में बूढ़ी गंडक का पानी घुस गया है. इससे पचास से ज्यादा परिवारों पर संकट आ गया है. बाढ़ का पानी आने से सैकड़ों लोग बेघर हो गये हैं. इन लोगों ने बांध व ऊंचे स्थानों पर शरण ली है. प्रशासन चौकस है और स्थिति पर नजर बनाये हुये है. एसडीओ पश्चिमी रंजीता ने इलाके का दौरा किया. दिनेश पटेल, नरेश, चंदन व अजय पटेल ने बताया कि शुक्रवार को सुबह के समय पानी आने का अंदेशा था, लेकिन शाम के समय पानी बढ़ा और शनिवार को पूरा पानी भर गया. जगदीश राम बांध के अंदर रहते हैं. बताते हैं कि हमारे परिवार में 15 लोग हैं. हम पानी में फंस गये थे,

किसी तरह शुक्रवार की रात 11 बजे गांव के पुस्तकालय में आये. अब इनका पूरा परिवार वहीं रह रहा है. यहीं पर मवेशी भी ले आये हैं. लाल देव पटेल समेत गांव के अन्य लोगों सब्जी की खेती कर रखी है, जो बाढ़ के पानी में डूब गयी है. इससे इनकी कमाई का जरिया भी समाप्त हो गया है. इन लोगों का कहना है कि अभी तक प्रशासन की ओर से राहत नहीं दी गयी है, लेकिन पूर्व विधायक अजीत कुमार आये थे. वह बांध होते हुये आगे के गांव जाने के क्रम में रुके थे और कहा था कि रविवार को फिर आयेंगे.

बांध के बाहर रहनेवाले लोग भी चिंतित हैं. इनका कहना है कि एक स्थान पर एसडीओ के निर्देश पर मिट्टी भर दी गयी है, लेकिन अभी कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर बांध जजर्र है. ऐसे में प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिये. बांध की सबसे खराब स्थिति कोठिया के पास की है. ग्रामीणों का कहना है कि इसे ठीक कराया जाना चाहिये. मिठनसराय के वार्ड तीन में रहनेवाले लोग भी बाढ़ की चपेट में आये हैं. इनमें से कई लोगों ने बांध और फोरलेन सड़क पर शरण ली है.

गांव में ही बने खाना

लोगों का कहना है कि अभी कोठिया के स्कूल में प्रशासन की ओर से खाने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन उसकी दूरी हमारे गांव से दो किलोमीटर है. इन लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि गांव में ही खाना की व्यवस्था की जाये, ताकि इनकी मदद हो सके. बाढ़ पीड़ितों में जगदीश राम, धर्मेंद्र राम, राम बाबू राम, परमेश्वर राम, राजू राम, बच्चू राम, छेदी राम, दयानंद राम, विद्यानंद राम, चंदेश्वर राम, सोहाग पासवान, शंकर, शिवचंद्र पासवान, सीता देवी, दिनेश पटेल, उमेश पटेल, गणेश, नरेश पटेल, राजेश पटेल, लालदेव, पंकज पटेल, रामनंदन राम, व्रजकिशोर राम, जय किशोर राम, विजय पटेल, मनोज साह, मुकेश साह, किशोरी राम शामिल हैं.

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