जलकार्य शाखा से जुड़ी सभी पुरानी योजनाओं पर नगर आयुक्त ने लगायी रोक
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नये सिरे से होगा योजनाओं का चयन
जलकार्य शाखा से जुड़ी सभी पुरानी योजनाओं पर नगर आयुक्त ने लगायी रोक नगर आयुक्त ने कहा कि योजनाओं के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जायेगी. अधिकतर काम टेंडर से होंगे. मुजफ्फरपुर : भ्रष्टाचार के खिलाफ डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के नेतृत्व में पार्षद व कर्मियों का आंदोलन रंग लाया है. निगम प्रशासन ने पुराने […]
नगर आयुक्त ने कहा कि योजनाओं के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जायेगी. अधिकतर काम टेंडर से होंगे.
मुजफ्फरपुर : भ्रष्टाचार के खिलाफ डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के नेतृत्व में पार्षद व कर्मियों का आंदोलन रंग लाया है. निगम प्रशासन ने पुराने सभी योजनाओं पर रोक लगा दी है. जलकार्य शाखा की तरफ से विभागीय स्तर पर जो मिनी पंप (समबर्सिबल) कराया गया, उसे फिलहाल रोक दी गयी है.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब कोई भी मिनी पंप बिना टेंडर नहीं होगा. एक समान सभी वार्ड में विकास होंगे. नगर आयुक्त ने बताया कि जिन वार्डों में बोरिंग हो गया है, उसे छोड़ जिन वार्डों में नहीं हुआ है, वहां मिनी पंप लगाया जायेगा. उन्होंने योजनाओं के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की बात कही है. विभाग की ओर से साढ़े सात लाख की योजनाओं को विभागीय स्तर पर कराने की अनुमति है, लेकिन वे अधिक से अधिक योजनाओं का काम टेंडर प्रक्रिया से ही करना चाहेंगे. ताकि, कोई सवाल-जवाब नहीं हो सके.
कर्मियों के बकाया भुगतान में तेजी, निकलने लगी लंबित संचिकाएं
इधर, कर्मियों व पेंशनरों का जो बकाया राशि का भुगतान करना है. इसकी भी प्रक्रिया तेज हो गयी है. डिप्टी मेयर व पार्षदों के अल्टीमेटम के बाद लेखा शाखा में शनिवार को गहमागहमी दिखी. कर्मचारी पुराने लंबित सभी फाइलों को निकाल दनादन नगर आयुक्त के पास भेज रहे थे. बताया जाता है कि नगर आयुक्त ने भी लंबित भुगतान की अधिकतर फाइलें स्वीकृत कर लौटा दी है. इधर, डिप्टी मेयर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धरना खत्म करने के दौरान कर्मियों की मांग को पूरा करने का नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया था. पंद्रह दिनों के भीतर जितने भी लंबित भुगतान है. उन सभी को कर देना है. इसके बाद ही विकास योजनाओं पर बात होगी. कर्मचारी जब खुश रहेंगे, तब निगम का काम स्वत: रफ्तार पकड़ लेगा.
एमआरडीए बिल्डिंग में बनेगा मीटिंग हॉल
एक सप्ताह से नगर आयुक्त व पार्षदों के बीच चल रही तनातनी के बाद मेयर सुरेश कुमार, डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के साथ नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ऑफिस पहुंचे. तीनों ने रूटीन कार्यों का निबटारा किया. दोपहर बाद मेयर व नगर आयुक्त एमआरडीए का निरीक्षण करने गये. एमआरडीए बिल्डिंग में बने हाॅल का जीर्णोद्धार कर मीटिंग हॉल बनाने का निर्देश दिया. तत्कालीन नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा के समय मीटिंग हॉल बनाने की कवायद शुरू हुई थी. लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया था. मेयर ने नगर आयुक्त को फिर से मीटिंग हॉल का काम शुरू करने का निर्देश दिया है.
नगर आयुक्त ने की बुलेट की सवारी
15 जुलाई को निगम बोर्ड की बैठक में हुए हल्ला-हंगामा के ठीक आठवें दिन शनिवार को नगर निगम का प्रशासनिक कार्य पटरी पर लौटा, तब नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन काफी खुश दिखे. उन्हें जानकारी मिली कि मेयर एमआरडीए का निरीक्षण करने पहुंचे हैं. तब वे अपने आवास पर मौजूद एक कर्मचारी के बुलेट पर सवार होकर ही एमआरडीए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सड़क निर्माण कार्य का भी जायजा लिया. सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराने का निर्देश इंजीनियर को दिया.
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