औराई : बभनगामा पंचायत के चहुंटा लखनदेई घाट पर शुक्रवार को टले हादसे के बाद प्रशासन की ओर से भेजी गयी दूसरी नाव भी दुरुस्त नहीं है. इससे प्रखंड की करीब 25 हजार की आबादी का आवागमन मुश्किल हो गया है. शनिवार को नदी पार करने पहुंचे ग्रामीणों ने अंचल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा जमकर हंगामा किया.
उनका कहना है कि प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
डायवर्सन के बह जाने के बाद अंचल प्रशासन की ओर से छोटी नाव दी गयी थी. वह क्षतिग्रस्त थी. शुक्रवार को इस नाव में पानी भर जाने से दो बार हादसा टला था. स्थानीय लोगों ने उसकी मरम्मत करा उससे नदी पार करना शुरू किया. प्रशासन की ओर से भेजी गयी दूसरी नाव भी दुरुस्त नहीं है. उसकी मरम्मत की जा रही है.
पानी भरने की स्थिति में चहुंटा, अहिमानपुर, राघोपुर तरवन्ना समेत चैनुपर, जोंकी आदि की हजारों लोगों की आबादी का आवागमन नाव से होता है. शनिवार को घाट पार करने पहुंचे अशर्फी राम, शशिरंजन उर्फ भुट्टा, प्रमोद राम, संजीत कुमार, हिटलर सिंह, जगदीश सिंह, रंजन कुमार, रामस्वरूप राम, मृत्यूंजय कुमार, राहुल कुमार आदि ने अंचल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उनका कहना था कि हादसा होने पर प्रशासन जिम्मेदार होगा. नदी में काफी मात्रा में जलकुंभी आ रही है. छोटी नाव के सामने जलकुंभी आने से बार-बार हटाना पड़ता है. उन्होनंे चचरी, पीपा पुल या बड़ी नाव की मांग की है. थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने भी उक्त घाट पर बड़ी नाव की जरूरत बतायी है. सीओ को जानकारी दी है. सीओ रामाशंकर पासवान ने बताया चचरी तो प्रशासन नहीं दे सकता. दूसरे विकल्प पर विचार हो रहा है.
एक दिन पहले घाट पर डूब गयी थी नाव, बाल-बाल बचे थे सवार
जर्जर और छोटी नाव दिये जाने से हादसे की आशंका जता रहे ग्रामीण
चचरी पुल व बड़े नाव की मांग
सीओ ने कहा, चचरी संभव नहीं, दूसरे विकल्प पर हो रहा विचार