साइंस फॉर सोसाइटी की आेर से राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में कार्यशाला
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”शोध के दौरान आनेवाली पीढ़ी का भी रखें ख्याल”
साइंस फॉर सोसाइटी की आेर से राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में कार्यशाला मुशहरी : साइंस फॉर सोसाइटी बिहार के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में क्षेत्रीय शोध शिक्षक/परामर्शी की देख-रेख में कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने किया. अध्यक्षता डॉ विजय कुमार जायसवाल ने की. अतिथियों […]
मुशहरी : साइंस फॉर सोसाइटी बिहार के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में क्षेत्रीय शोध शिक्षक/परामर्शी की देख-रेख में कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने किया. अध्यक्षता डॉ विजय कुमार जायसवाल ने की. अतिथियों का स्वागत स्वीकृति भारती ने किया.
शिक्षक डॉ एनपी राय ने कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय है ‘विज्ञान प्रौद्योगिकी, नवाचार सतत विकास हेतु’. इसके तहत सात उपविषय है. परियोजना उप विषय व मुख्य विषय के अनुरूप सतत विकास होना चाहिए. वहीं निदेशक ने कहा कि प्रोजेक्ट बनाते समय हर अच्छाइयों की खोज करनी चाहिए. वह कैसे व कितना टिकाऊ होगा, उसकी चर्चा करनी चाहिए. प्रोजेक्ट साधारण व शोधपरक हो. यह कार्यक्रम केवल शोध परक ही नहीं है,
बल्कि इससे छात्र अनुशासित होकर सच्चे मार्ग पर चलते हैं. विशिष्ट अतिथि डॉ एस डी पांडेय ने कहा कि नवाचार करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आनेवाली पीढ़ी पर उसका खराब असर नहीं पड़े. डॉ तारण राय ने कहा कि परियोजना गतिविधि से न केवल बच्चों की जिज्ञासा शांत करती है, बल्कि उनमें वैज्ञानिक चेतना पैदा करती है. डॉ विजय कुमार जायसवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिये नहीं है, बल्कि पढ़ाई छोड़ चुके उन छात्रों के लिये भी है, जो हाशिये पर आ चुके हैं. मंच संचालन राज्य समन्वयक डॉ फुलगेन पूर्वे व धन्यवाद ज्ञापन डॉ एसके पूर्वे ने किया. मौके पर डॉ इला सिन्हा, डॉ सीएस झा, डॉ विनोद कुमार राय, डॉ हजारीलाल, डॉ अरुण कुमार आदि मौजूद थे.
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