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बीआरएबीयू के नाम पर वाराणसी में चल रहा था कोर्स

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से अनुमति के नाम पर यूपी के वाराणसी स्थित एक संस्थान में फर्जी तरीके से डिस्टेंस कोर्स चलाने का मामला सामने आया है. दो साल बाद भी परीक्षा नहीं कराये जाने पर भड़के वाराणसी पारामेडिकल कॉलेज, चांदपुर के छात्रों ने मड़ुआडीह (वाराणसी) थाना में मुकदमा दर्ज कराया है. इसकी जांच […]

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से अनुमति के नाम पर यूपी के वाराणसी स्थित एक संस्थान में फर्जी तरीके से डिस्टेंस कोर्स चलाने का मामला सामने आया है.
दो साल बाद भी परीक्षा नहीं कराये जाने पर भड़के वाराणसी पारामेडिकल कॉलेज, चांदपुर के छात्रों ने मड़ुआडीह (वाराणसी) थाना में मुकदमा दर्ज कराया है. इसकी जांच वाराणसी के एडीएम प्रशासन कर रहे हैं. एडीएम ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से संबंधित संस्थान को डिस्टेंस कोर्स चलाने के संबंध में अनुमति दिये जाने की रिपोर्ट मांगी है. कहा है कि संस्थान को अधिकृत किया गया है, तो अनुमति आदेश की प्रति व कोर्सवार छात्रों की क्षमता का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. वाराणसी के जिला व पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से विश्वविद्यालय के अधिकारियों में खलबली मची है. माना जा रहा है कि इसमें कई पूर्व व वर्तमान अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं.
हालांकि अभी से दबी जुबान पूर्व के एक बड़े अधिकारी का नाम सामने आ रहा है. उधर, मंगलवार को सिंडिकेट की बैठक में भी इस मामले को रखा गया. प्रोवीसी आरके मंडल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी जांच के लिए बना दी गयी है. यह कमेटी डिस्टेंस से उन संस्थानों का रिकॉर्ड खंगालेगी, जिन्हें विभिन्न कोर्स के लिए अधिकृत किया गया है.
नि:शुल्क के नाम पर नामांकन लेकर दो साल बाद भी नहीं हुई परीक्षा
वाराणसी पैरामेडिकल कॉलेज, चांदपुर (वाराणसी) के छात्र- छात्राओं ने पांच जून 2017 को मड़ुवाडीह थाना में मुकदमा दर्ज कराया है. उनके आवेदन में कहा गया है कि नि:शुल्क कोर्स के नाम पर उनका एडमिशन कराया गया और दो साल बाद भी परीक्षा नहीं कराई गई. कॉलेज के प्रबंधक द्वारा छात्रों को जो कॉल लेटर भेजा गया है, उसमें उल्लेख किया गया है कि वाराणसी पारामेडिकल कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के आधार पर आपका चयन डीओटीटी कोर्स के लिए किया गया है. 12 अप्रैल 2015 को प्रवेश परीक्षा ली गई थी. कॉल लेटर में कहा गया है कि यह दो वर्षीय कोर्स है. टेस्ट द्वारा चयनित छात्र- छात्राओं को पूरे कोर्स के दौरान मात्र आठ हजार रुपये ही घर से व्यय करना होगा. लेकिन कोर्स के लिए 12 महीने का प्रोजेक्ट ट्रेनिंग करना अनिवार्य होता है, क्योंकि छात्र- छात्राओं का पूरा कॉलेज फीस सरकार के प्रोजेक्ट ट्रेनिंग सर्वे के उपरांत ही सरकार द्वारा मिलता है.
पूछा, डिस्टेंस के तहत कौन कोर्स होते हैं संचालित
एडीएम वाराणसी ने विवि के रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी है कि डिस्टेंस से कौन- कौन कोर्स संचालित है. इसके अलावा यह भी जानकारी मांगी है कि वाराणसी पैरा मेडिकल कॉलेज, चांदपुर को इस तरह के कोर्स संचालित करने के लिए क्या विश्वविद्यालय द्वारा अधिकृत किया गया है? यदि हां, तो उसकी अनुमति आदेश पत्र के साथ ही यह भी बताएं कि कोर्सवार कितने छात्रों की संख्या निर्धारित की गई है, क्या शर्तें निर्धारित की गई है, कितनी अवधि का कोर्स है और अभी तक पंजीकृत छात्रों की परीक्षा क्यों नहीं कराई गई.

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