मुजफ्फरपुर : कांटी प्रखंड में ईंट भट्ठा संचालक की करीब डेढ़ दशक पूर्व की बकाया राशि के सूद को लेकर विवाद हो गया है. बीडीओ शम्स तबरेज आलम का कहना है कि मामला उनके कार्यकाल से जुड़ा नहीं है. ऐसे में सूद की राशि का भुगतान करने की जवाबदेही उनकी नहीं है. उन्होंने सरकारी योजना की राशि से भी इसके भुगतान से इनकार कर दिया है.
उनका तर्क है कि सूद की राशि दंड की राशि है. इस संबंध में उन्होंने डीएम धर्मेंद्र सिंह को पत्र लिखा है, जिसमें सूद की राशि जिम्मेदारी बीडीओ व अभिकर्ता से वसूलने की मांग की है. सूद की राशि कितनी होगी, इसकी गणना के लिए बीडीओ ने बैंक अधिकारी को पत्र लिखा है. इसके लिए उन्होंने मई 2005 से अबतक के बीडीओ की उनके कार्यकाल सहित सूची भी भेजी है. मामला फूड फॉर वर्क योजना से जुड़ा है. वर्ष 2005-06 में सरकारी योजना के तहत अश्विनी कुमार नाम के भट्ठा संचालक से ईंट ली गयी थी.
एक दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद जब उनके बिल का भुगतान नहीं हुआ, तो उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी. मामले की सुनवाई के बाद तीन सितंबर, 2012 को कोर्ट ने आदेश जारी किया कि तीन महीने के अंदर वादी के बकाया बिल का भुगतान कर दिया जाये. ऐसा नहीं होने पर दोषियों को 12 प्रतिशत सालाना की दर से चक्रवृद्धि ब्याज देना होगा. 23 मार्च 2017 को कांटी बीडीओ ने ईंट भट्ठा संचालक को तीन लाख 92 हजार 830 रुपये का भुगतान किया. हालांकि, वे हाइकोर्ट के आदेशानुसार सूद की मांग पर अड़ गये. मामला फिर हाइकोर्ट में गया. 22 मई 2017 को कोर्ट ने प्रशासन को सूद की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है.