बकायदा हर सत्र में पत्र के जरिए इसकी जानकारी दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों को इसका ज्ञान नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यह बात असानी से समझी जा सकती है कि वे छात्रों को इसका ज्ञान कैसे देंगे. इसी कारण हर साल पीजी की कॉपी जांच में गड़बड़ियों का पिटारा निकलता है. इससे रिजल्ट में देरी भी होती है. इसके बावजूद विवि जिम्मेदारों को बचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ता है.
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गलती जिम्मेदारों की, सजा भुगत रहे छात्र
मुजफ्फरपुर : जिम्मेदारों की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. आधे-अधूरे रेगुलेशन की जानकारी से छात्रों का करियर बर्बाद हो रहा है. जिनके हाथों में इसकी कमान सौंपी गयी, वही छात्रों का भविष्य बंटाधार करने में जुट गये हैं. ऐसा भी नहीं है कि विवि की ओर से रेगुलेशन की जानकारी नहीं […]
मुजफ्फरपुर : जिम्मेदारों की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. आधे-अधूरे रेगुलेशन की जानकारी से छात्रों का करियर बर्बाद हो रहा है. जिनके हाथों में इसकी कमान सौंपी गयी, वही छात्रों का भविष्य बंटाधार करने में जुट गये हैं. ऐसा भी नहीं है कि विवि की ओर से रेगुलेशन की जानकारी नहीं दी जा रही है.
आंतरिक मूल्यांकन में 40 फीसदी पर दिये नंबर
पीजी सेकेंड सेमेस्टर (2014-16) के छात्रों को शिक्षकों ने आंतरिक मूल्यांकन में बिना रेगुलेशन के ही 40 प्रतिशत पासिंग मार्क के आधार पर नंबर दे दिया. इस वजह से फिजिक्स, केमिस्ट्री, हिस्ट्री, हिंदी आदि विषयों में बड़ी संख्या में छात्र फेल हो गये. इन छात्रों को महज 11-12 नंबर दिये गये, जबकि रेगुलेशन के अनुसार 50 प्रतिशत नंबर आंतरिक मूल्यांकन में पास होने के लिए चाहिए थे. इस पर छात्रों ने काफी हो-हल्ला किया.
रेगुलेशन बगैर ली परीक्षा
पीजी फोर्थ सेमेस्टर (2013-15) के छात्रों की परीक्षा विवि ने रेगुलेशन को दरकिनार करते हुए ले ली. राजभवन के रेगुलेशन के अनुसार, अगर सेमेस्टर सिस्टम में परीक्षा ली जाती है, तो 70 नंबर की थ्योरी व 30 नंबर का आंतरिक मूल्याकंन होना है. लेकिन, विवि ने सेमेस्टर सिस्टम लागू करते हुए 80 नंबर की थ्योरी व 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन के अनुसार परीक्षा ले ली. इस वजह से दो साल से छात्रों का रिजल्ट नहीं निकल पा रहा है. प्रभारी कंट्रोलर यूके दास ने बताया कि रेगुलेशन का जो पेच फंसा था, वह सुलझा लिया गया है. विवि जल्द ही रिजल्ट प्रकाशित करेगा.
पिछले साल भी हुई थी गड़बड़ी
रेगुलेशन को लेकर पीजी फर्स्ट सेमेस्टर (2014-16) में भी गड़बड़ी हुई थी. हिंदी से लेकर मनोविज्ञान, भूगोल, इकोनॉमिक्स सहित कई विषयों में रेगुलशन के बगैर परीक्षा ली गयी थी. इस पर छात्रों ने विवि में कई दिनों तक हंगामा भी किया था. बाद में विवि ने किसी तरह मामले को सुलझाया था. साथ ही दोषी शिक्षकों की लिस्ट भी तैयार करते हुए कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन मामला कागज में सिमटकर रह गया.
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