मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत समूह घ के सैकड़ों कर्मचारियों की उम्मीद चार साल से फाइलों में कैद है. योग्यताधारी कर्मचारियों को लिपिक के पद पर प्रोन्नति के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक दिसंबर 2014 को अधिसूचना (संख्या 1060-4) जारी की थी. इसमें इंटरमीडिएट उत्तीर्ण कर्मचारियों को वरीयता के अनुसार लिपिक संपर्क में कुल रिक्त पदों पर प्रति वर्ष 15 प्रतिशत प्रोन्नति देने का प्रावधान किया गया है. इस संबंध में हाइकोर्ट से भी आदेश जारी हुआ है.
बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में लिपिक संवर्ग का 261 पद सैंक्शन है. विभागीय लोगों की मानें, तो अभी 194 कर्मचारियों की तैनाती विभिन्न जगहों पर है. वहीं जिले में तीन हजार से अधिक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं. इनमें करीब 40 प्रतिशत ऐसे हैं, जो प्रमोशन की पात्रता रखते हैं, यानी इंटरमीडिएट उत्तीर्ण है.
रिक्तियों के अनुसार 15 प्रतिशत प्रति वर्ष प्रमोशन होता, तो अब तक विभाग को 100 से अधिक लिपिक मिल गये होते. साथ ही समूह घ के रिक्त पदों पर नयी बहाली भी की जासकती थी.
सीएस से कई बार मिल चुके हैं कर्मचारी : प्रोन्नति के लिए यक्ष्मा शाखा में कार्यरत बिपिन भगत, सुबोध कुमार, विनोद प्रसाद, राम नरेश, विरेंद्र कुमार व अशोक कुमार ने सीएस को आवेदन देकर विभागीय आदेश के अनुसार समूह घ से लिपिक के पद पर प्रोन्नति की मांग की है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार द्वारा निर्धारित योग्यता वे पूरी करते हैं, इसके बाद भी उनका प्रमोशन नहीं हो रहा. रिटायर कर्मियों को रखा जा रहा अनुबंध पर सरकारी कामकाज निबटाने के लिए कार्यालयों में लिपिकों की कमी पूरा करने के लिए रिटायर कर्मचारियों को ही अनुबंध पर रखा जा रहा है.
इंटर-बीए पास चपरासी दसवीं पास क्लर्क
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में काफी असंतोष है. कर्मचारियों का कहना है कि लिपिक संवर्ग में दसवीं पास कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जबकि चतुर्थ श्रेणी में इंटर व स्नातक उत्तीर्ण कर्मचारी काम कर रहे हैं. प्रोन्नति की पात्रता के बाद भी अधिकारी उदासीन है. पहले चतुर्थ श्रेणी में आठवीं कक्षा पर बहाली होती थी. दो साल से बीपीएससी की परीक्षा से बहाली की गयी, जिसमें इंटर व स्नातक उत्तीर्ण कर्मचारी चुने गये. कर्मचारियों का कहना है कि विभाग नियम के आधार पर प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करेगा, तो योग्य कर्मचारियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.
सरकार ने इसके लिए क्राइटेरिया निर्धारित किया है. उस क्राइटेरिया को जो कर्मचारी पूरा करते हैं, उन्हें इसका लाभ दिया जाना है.
डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन