मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच में लापरवाही का एक और बड़ा मामला बुधवार को सामने आया. हैरान करने वाली बात यह है कि यहां की व्यवस्था दुरुस्त कराने में सरकार जितनी गंभीर है, वहीं यहां के स्टाफ की उदासीनता के कारण नियमित रूप से मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आ रहा है. सोमवार को यहां भर्ती चकिया तेजाब कांड में झुलसी तीन वर्षीय रिया कुमारी ने बुधवार को दम तोड़ दिया. सर्जरी विभाग के आइसीयू में भर्ती रिया का सुबह 10 बजे इसीजी करा कर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन शाम छह बजे वेंटीलेटर और मॉनीटर हटाया गया.
शाम छह बजे हटाया गया मशीन
सुबह से करीब आठ घंटे तक शव बेड पर पड़ा रहा. मॉनीटर ऑन रहा और वेंटीलेटर चलता रहा. शाम छह बजे अस्पताल अधीक्षक डॉ दीपक कुमार को इसकी सूचना मिली, तो वेंटीलेटर हटाया गया. बच्ची की मां शीला देवी ने बताया कि रिया सुबह सात बजे से ही बेसुध पड़ी थी. उसकी सांस नहीं चल रही थी. उसका शरीर ठंडा हो गया था. डॉक्टर से बार-बार गुहार लगाने के तीन घंटे बाद सुबह 10 बजे इसीजी किया गया. उस वक्त डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन रिया को लगे वेंटीलेटर को नहीं हटाया गया. शाम छह बजे अस्पताल मैनेजर ने मॉनीटर बंद कराया और वेंटीलेटर हटवाया. अस्पताल अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने कहा कि इस सबंध में अस्पताल मैनेजर को निर्देश दिया गया था. इस मामले की जांच की जायेगी.
कैसे हुई थी घटना
पूरी घटना मुजफ्फरपुर के चकिया का है. यहां एक वार्ड संख्या 16 में रमन पासवान का परिवार रविवार की रात सो रहा था. उसी वक्त महेश भगत ने उसके परिवार पर तेजाब फेंक दिया. बताया जा रहा है कि महेश भगत का रमन की पत्नी से प्रेम प्रसंग था. किसी बात पर कहा सुनी हो गयी. इसके बाद उसने इस घटना को अंजाम दिया. घटना में रमन के साथ शीला देवी और दो छोटे-छोटे बच्चे बुरी तरह से झुलस गए. इसमें से रिया की मौत बुधवार को हो गयी है.