नगर निगम 13 साल में नहीं बना पाया कूड़ा डैंपिंग यार्ड, शहर के कूड़े से समाप्त हो रहा नदियों का अस्तित्व, विभाग मौन

शहर के आसपास जमा हो रहे कूड़े के ढेर से बाइपास स्थित नदियों के अस्तित्व खतरे में आ गयी है. बाइपास स्थित जहां-तहां सड़कों किनारे जलनिकासी मार्ग और नदियों में कूड़े के ढेर पर अवैध रूप से मकान व दुकान का निर्माण भी हो रहा है.

By Prabhat Khabar | January 9, 2021 10:49 AM

बिहारशरीफ. शहर के आसपास जमा हो रहे कूड़े के ढेर से बाइपास स्थित नदियों के अस्तित्व खतरे में आ गयी है. बाइपास स्थित जहां-तहां सड़कों किनारे जलनिकासी मार्ग और नदियों में कूड़े के ढेर पर अवैध रूप से मकान व दुकान का निर्माण भी हो रहा है.

साथ ही जैसे-तैसे फेंके गये कूड़े के ढेर में आये दिन आग लगा दी जाती है, जिससे वायू प्रदूषण और फेंफड़ा जाम कर देने वाले दुर्गंध आस-पास में फैल रहा है. नतीजतन आये दिन बाइपास आने जाने वाले राहगीरों को कूड़े के दूर्गंध युक्त धूएं से चलना मुश्किल हो रहा है.

कभी -कभी जाम में फंसने पर तो वाहन सवारियों को वहां दम घुटने की स्थिति पैदा हो जाती है. नवादा-पटना बाइपास मार्ग के दोनों ओर नगर निगम के वाहन जहां-तहां कूड़े डैंपिंग कर रहा है. इससे सड़कों के दोनों किनारे स्थित जल निकासी मार्ग लगभग विलुप्त सा हो गया है.

साथ ही सड़कों के किनारे लगे पेड़-पौधे भी कूड़े के ढेर से सूखने लगे है. बिहारशरीफ नगर निगम क्षेत्र से करीब 50 हजार घरों से प्रति दिन 160 टन कूड़े-कचरे निकल रहे हैं, जो शहर के आस-पास के सार्वजनिक जमीनों पर डैंपिंग की जा रही है.

इससे शहर समेत सीमावर्ती बिहारशरीफ, नूरसराय व रहुई के सरकारी कुल 406 आहर, पइन और तालाबों में से दर्जनों के अस्तिव खतरे में आ गया हैं. वर्तमान में 47 वार्ड वाले नगर निगम से निकलने वाले 10 ट्रैक्टर समेत 160 टन कूड़े बड़ी पहाड़ी के पीछे, रहुई रोड, बाइपास व अन्य नदियों किनारे फेंके जा रहे हैं.

इन्हीं क्षेत्रों में से एक रहुई रोड स्थित पंचावे नदी के किनारे कूड़े के ढेर पर बड़े-बड़े भवन और दुकान तैयार हो रहे हैं. हालांकि नगर निगम चकरसलपुर में तीन एकड़ क्षेत्र में कूड़ा डैंपिंग यार्ड तैयार कर रहा है.

वर्ष 2007 में नगर निगम अस्तिव में आया है. तब से 23.5 किलोमीटर क्षेत्र वाले नगर निगम ने करीब तीन लाख की आबादी से सुविधा व संसाधन के नाम पर प्रतिमाह लोगों से लाखों रुपये वसूल करते हैं, परंतु अब तक कूड़ा-कचरा निष्पादन की व्यवस्था नहीं हो पायी है.

इसका खामियाजा सरकारी जलस्त्रोतों और सार्वजनिक भूमि को भुगतना पड़ रहा है. दूसरी ओर सार्वजनिक व जलस्त्रोतों पर कूड़े के ढेर वाले मार्गों से अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों के वाहन गुजरते हैं.

बावजूद वे लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. अधिकांश अधिकारी कहते हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. कुछ अधिकारी कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर अपने कार्यकाल बिताकर स्थानांतरण हो जाते हैं.

क्या कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल कहते है कि चकरसलपुर में कूड़ा डैंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य चल रहा है. वर्तमान में शहर के आस पास स्थित सार्वजनिक क्षेत्रों में कूड़ा डैंपिंग किया जा रहा है.

जलस्त्रोतों में कूड़ा नहीं फेंका जाता है. यदि ऐसा है, तो उसकी जांच की जायेगी. सार्वजनिक क्षेत्र जहां गड‍्ठे की भराई की जरूरत है, वहीं कूड़ा डैंपिंग करने का निर्देश कर्मी को दिया गया है.

Posted by Ashish Jha

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