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48 घंटे की हड़ताल

डाककर्मियों ने दिया धरना, सरकार पर बरसे मुंगेर : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर डाक कर्मचारी बुधवार से 48 घंटे के हड़ताल पर चले गये. डाककर्मियों ने प्रधान डाक घर के मुख्य गेट पर धरना भी दिया और जमकर नारेबाजी की. हड़ताल के कारण डाक विभाग का कार्य दिन भर पुरी तरह ठप रहा. […]

डाककर्मियों ने दिया धरना, सरकार पर बरसे

मुंगेर : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर डाक कर्मचारी बुधवार से 48 घंटे के हड़ताल पर चले गये. डाककर्मियों ने प्रधान डाक घर के मुख्य गेट पर धरना भी दिया और जमकर नारेबाजी की. हड़ताल के कारण डाक विभाग का कार्य दिन भर पुरी तरह ठप रहा. हड़ताल का नेतृत्व डाक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वासुदेव ठाकुर कर रहे थे, जबकि संचालन सचिव माधो प्रसाद ने की.

धरना पर बैठे डाक कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 15 सूत्री मांगों के समर्थन में पूरे देश में एक साथ डाक विभाग के कर्मचारी 48 घंटे के हड़ताल पर चले गये है. जिसके कारण हजारों करोड़ के राजस्व की क्षति भारत सरकार को होने वाली है. इस क्षति के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल जिम्मेवार है.

नेताओं ने कहा कि 15 सूत्री मांगों में महंगाई भत्ता का विलय, अंतरिम राहत, सातवें वेतन आयोग को 1.1.2014 से लागू करने, जीडीएस कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग का लाभ देने, ग्रामीण डाक कर्मियों को सरकारी करण करने सहित अन्य मांगे शामिल है.

नेताओं ने कहा कि सरकार डाक विभाग के कर्मचारियों के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार कर रही है.अगर इसका निदान शीघ्र नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में इससे भी उग्र आंदोलन डाक कर्मियों द्वारा किया जायेगा. धरना पर हेमंत कुमार जायसवाल, अभिषेक कुमार, कुमार सुदर्शन, चंद्रशेखर सिंह, घनश्याम प्रसाद सिंह, महानंद शर्मा मौजूद थे.

सातवें वेतन आयोग की मांग

जमालपुर : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इंपलॉइज अपनी 15 सूत्री मांगों के समर्थन में दो दिवसीय हड़ताल पर चले गये. इसके कारण मुख्य डाक घर जमालपुर का कामकाज पूरी तरह ठप हो कर रह गया. जमालपुर इकाई के कर्मचारी ऋषिदेव पंडित की अगुआई में बुधवार को डाक घर के मुख्य दरवाजे पर डटे रहे तथा अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाये. उन्होंने बताया कि उनकी मांगों में 50 प्रतिशत डीए मजर्र, अंतरिम राहत, सभी के लिए पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति की शर्त को हटाना, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना.

पूरी नौकरी अवधि में पांच प्रमोशन देना, निजीकरण एवं कांट्रेक्ट के आधार पर काम कराना बंद करना, सभी दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी एवं वेतन भत्ते का रिविजन करना, मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण करना, ट्रेड यूनियन एक्शन पर दंड को रोकना, हड़ताल के अधिकार को सुनिश्चित करना. आवश्यकता अनुसार पदों का सृजन कर खाली पदों को भरना एवं एक जनवरी 2014 से सातवें वेतन आयोग के सिफारिशों को लागू करने की मांग शामिल है. इस मौके पर डाकपाल दिनेश कुमार, एनएफपीयू के उपाध्यक्ष रंजीत कुमार, महेंद्र साह, अमरेंद्र वर्मा, अवधेश कुमार, अवध कुमार गुप्ता और सदानंद साह सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.

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