शिक्षक स्थानांतरण में अनियमितता को लेकर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
मुंगेर: शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के नाम पर पैसे का खेल इस कदर हावी है कि पूरी व्यवस्था चरमरा कर रह गयी है. पूर्व में जहां मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पोस्टिंग के लिए जिले में लाखों का खेल चला. वहीं माध्यमिक /उच्च माध्यमिक शिक्षकों के स्थानांतरण में भी जम कर दुकानदारी हुई थी.
फरवरी 2013 में जब स्थानांतरण का खेल चला तो मन पसंद विद्यालय के लिए शिक्षकों से लाखों वसूले गये. किंतु विभाग के एक वरीय अधिकारी को हिस्सा नहीं मिल पाया और फिर शुरू हुआ स्थानांतरण रद्द करने का खेल. अंतत: आठ माह बाद शिक्षकों का स्थानांतरण रद्द हो गया और 61 शिक्षक -शिक्षिकाएं परेशान हो उठी है. गुरुवार को शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रो अजफर शमशी के नेतृत्व में प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम से मिला. शिक्षकों ने आयुक्त से गुहार लगायी की उन लोगों का स्थानांतरण रद्द किया जाना पूरी तरह अव्यावहारिक व अवैध है. आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कर समुचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. प्रतिनिधि मंडल में शिक्षक अरुण कुमार यादव, कुमकुम रानी, अजय कुमार झा, श्रवण कुमार शर्मा, सुनील कुमार, पूनम कुमारी शामिल थी. विदित हो कि सरकार के निर्देशानुसार 16 फरवरी 2013 को जिला परिषद के माध्यमिक / उच्च माध्यमिक शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया था.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना ) के ज्ञापांक 08.शि दिनांक 16.2.13 के माध्यम से 61 शिक्षक शिक्षिकाओं का स्थानांतरण आदेश निर्गत किया गया था. किंतु बाद में इस स्थानांतरण के संदर्भ में मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्रंक 1523 दिनांक 13.9.13 द्वारा निदेशक माध्यमिक शिक्षा को रिपोर्ट भेज कर मार्ग दर्शन मांगा था. डीइओ के पत्र के आलोक में राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरबी चौधरी ने स्थानांतरण कार्रवाई को रद्द करने का आदेश दिया. निदेशक के आदेश पत्र पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अरुण कुमार कुंवर ने उप विकास आयुक्त सह सचिव जिला परिषद पैनल निर्माण समिति को आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा और डीडीसी ने अपने पत्रंक 30.12.13 को ज्ञापांक 783 के माध्यम से पूर्व के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही शिक्षकों को आदेश दिया है कि वे अपने पूववर्ती मूल विद्यालय में 2 जनवरी 2014 तक योगदान सुनिश्चित करे. अन्यथा उनके वेतन का भुगतान वर्तमान विद्यालय में स्थगित रहेगा. शिक्षा विभाग के इस अनोखे खेल में अंतत: 61 शिक्षक – शिक्षिकाएं फंस गयी है और अब वे वरीय अधिकारियों के दरबाजे खटखटा रहे हैं.