फोटो संख्या : 14फोटो कैप्सन : प्रवचन करते कथा वाचक स्वामी किशोरी शरण. प्रतिनिधि, मुंगेर राधा-कृष्ण मंदिर प्रेमकुंज बबुआघाट में चल रहे सप्त दिवसीय भागवत कथा में वृंदावन से आये कथा वाचक स्वामी किशोरी शरण जी महाराज ने कहा कि भागवत ज्ञान से ही लोगों को मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा महापुराण की संर्पूण कथाएं प्रतीक के रूप में है जो आज भी प्रासंगिक है. सनकादिक ऋषि से अभिशप्त होकर भगवान के द्वारपाल यम और विजय हिरणाक्ष और हिरण कश्यपु के रूप में पैदा हुए. हिरण का अर्थ होता है स्वर्ण और अक्ष का अर्थ होता है आंख. जिस व्यक्ति की आंखें भगवान के विग्रह रूप पर न टिकी हो सिर्फ स्वर्ण पर टिकी हो वही हिरणाक्ष है. कथावाचक ने कहा कि हिरणाक्ष को मारने के लिए भगवान बराहा का रूप धारण किये और हिरण कश्यपु को मारने के लिए नरसिंह का रूप धारण किये. अर्थात लोभ और मतांत जीव के लिए विनाश का कारण होता है. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद थे.
भागवत ज्ञान से ही लोगों को मिलेगी मुक्ति
फोटो संख्या : 14फोटो कैप्सन : प्रवचन करते कथा वाचक स्वामी किशोरी शरण. प्रतिनिधि, मुंगेर राधा-कृष्ण मंदिर प्रेमकुंज बबुआघाट में चल रहे सप्त दिवसीय भागवत कथा में वृंदावन से आये कथा वाचक स्वामी किशोरी शरण जी महाराज ने कहा कि भागवत ज्ञान से ही लोगों को मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा महापुराण […]
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