तारापुर अनुमंडल के दर्जनों गांव के किसान महाजन व बैंक से कर्ज लेकर गेहूं के फसल को लगाया. उन्हें मालूम नहीं था कि प्रकृति इस कदर कहर बरपायेगी कि सारे मेहनत पर पानी फिर जायेगा. वर्षा व ओलावृष्टि ने फसल को फसल नुकसान के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है. किसानों को चिंता सताने लगी है कि आखिर महाजनों के कर्ज को कैसे चुकता किया जायेगा. एक ओर सरकार किसानों को फसल नुकसान के लिए मुआवजे की तो घोषणा कर दी.
लेकिन मुआवजे की राशि इतनी कम है कि उससे किसान की भरपाई नहीं हो पायेगी. वहीं किसानों ने जो पैक्स को धान बेचा है उसकी राशि का भुगतान अबतक नहीं किया गया है. भाजपा के जिलाध्यक्ष कुमार प्रणय ने कहा कि पैक्सों में किसानों द्वारा बेचे गये धान को महीने बीत जाने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने इस संदर्भ में जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि किसानों के इस दुख भरी घड़ी में जल्द मदद किया जाय. ताकि किसानों को राहत मिल सके.