प्रतिनिधि , मुंगेर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दो दिवसीय मुंगेर दौरे पर जब 2 जनवरी को आये तो महादलित लोगों में एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ. इसी में एक है जमालपुर प्रखंड के इंदरुख पूर्वी पंचायत का महादलित बस्ती गांधी टोला. जहां के लोगों को लगा कि आजादी के 67 वर्ष बाद ही सही उनके बिरादरी के मुख्यमंत्री शायद उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. जिसके कारण वहां के महादलितों में मुख्यमंत्री के प्रति रोष है. महादलित बाहुल्य गांव गांधी टोला जो नगर निगम की सीमा से महज एक-दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. स्वतंत्रता के 67 वर्ष बीतने के बाद भी विकास से वंचित है. इस महादलित बस्ती में आवागमन के लिए न तो मुख्य सड़क तक पहुंचने के संपर्क पथ है और न ही इस बस्ती में आजतक बिजली पहुंच पायी है. युवा मंच के नचिकेता एवं मुनी लाल मंडल ने कहा कि सुशासन के 9 वर्ष बीत चुके हैं और इस महादलित बस्ती का उद्धार नहीं हो पाया. यहां न तो बिजली है और न ही शुद्ध पेयजल लोगों को मिल रहा है. एनएच 80 से इंदरुख को जाने वाली मुख्य मार्ग से सटे गांधी टोला का जब यह हाल है तो सुदूर जगहों पर महादलित बस्तियों का तो भगवान ही मालिक है.
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आखिर महादलित बस्ती गांधी टोला पर कौन देगा ध्यान
प्रतिनिधि , मुंगेर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दो दिवसीय मुंगेर दौरे पर जब 2 जनवरी को आये तो महादलित लोगों में एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ. इसी में एक है जमालपुर प्रखंड के इंदरुख पूर्वी पंचायत का महादलित बस्ती गांधी टोला. जहां के लोगों को लगा कि आजादी के 67 वर्ष बाद ही सही […]
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