फोटो संख्या : 23,24फोटो कैप्सन : प्रवचन देते स्वामी विवेकानंद व उपस्थित सत्संगी प्रतिनिधि , जमालपुर जमालपुर डीह में चल रहे संतमत सत्संग सोमवार को संपन्न हो गया. कुप्पा घाट आश्रम भागलपुर के वरिष्ठ महात्मा डॉ स्वामी विवेकानंद महाराज ने सत्संग में भाग लिया. उन्होंने कहा कि चित्त वृति का निरोध ही योग है जो दृष्टि घाटों को एक करता है. उन्होंने कहा कि साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है. ब्रह्मचर्य ही जीवन है और ब्रह्मचर्य का नाश मृत्यु है. ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करने वाला व्यक्ति टूटे हुए धनुष के समान बेकार है. जो मानव शरीर के अंदर शांतिमय आनंद पाना चाहते हैं, जिवात्मा सर्वेश्वर का अभिन्न अंश होते हुए भी मन, बुद्धि, अहंकार, चित्त और चेतन से मिलते रहने के कारण अपने स्वरूप का प्रत्यक्ष ज्ञान नहीं कर पाते है. किंतु अक्षुण्ण परमात्मा उनमें परमात्मा उनमें व्यापक रूप में रहते है. सांसारिक बंधनों से छूटने के लिए ईश्वर की भक्ति, उपासना से सदगुरु के बताये अनुसार मानस जप एवं ध्यान करना चाहिये. गुरु से ध्यान भजन ठीक-ठाक जान कर ध्यान भजन करने से ही परम प्रभु परमात्मा रूबी संपदा की प्राप्ति हो सकता है. सत्संग सद्गुरु के हाट के समान है जहां सदाचार रूपी पूंजी वाले व्यक्ति जाते है. नरेंद्र बाबा, ने भी अपना विचार व्यक्त किया. मौके पर राजन चौरसिया, केदार प्रसाद बिंद, राजाराम, मदन यादव सहित अन्य मौजूद थे.
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बह्मचर्य ही जीवन है और ब्रह्मचर्य का नाश मृत्यु
फोटो संख्या : 23,24फोटो कैप्सन : प्रवचन देते स्वामी विवेकानंद व उपस्थित सत्संगी प्रतिनिधि , जमालपुर जमालपुर डीह में चल रहे संतमत सत्संग सोमवार को संपन्न हो गया. कुप्पा घाट आश्रम भागलपुर के वरिष्ठ महात्मा डॉ स्वामी विवेकानंद महाराज ने सत्संग में भाग लिया. उन्होंने कहा कि चित्त वृति का निरोध ही योग है जो […]
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