स्वच्छ व सुंंदर होगा मुंगेर अब नयी व्यवस्था के जरिये होगी शहर की साफ-सफाई

मुंगेर : मुंगेर नगर में बदहाल सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम बोर्ड ने पुन: शहर को तीन भागों में बांट कर सफाई की जिम्मेदारी तय करने की योजना बनायी है. इसके तहत वार्ड संख्या 1-15, 16-30 एवं 31-45 को क्रमश: ए, बी, सी ग्रुप में बांटा गया है. अलग-अलग ग्रुप के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 29, 2017 12:32 AM

मुंगेर : मुंगेर नगर में बदहाल सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम बोर्ड ने पुन: शहर को तीन भागों में बांट कर सफाई की जिम्मेदारी तय करने की योजना बनायी है. इसके तहत वार्ड संख्या 1-15, 16-30 एवं 31-45 को क्रमश: ए, बी, सी ग्रुप में बांटा गया है. अलग-अलग ग्रुप के लिए अलग-अलग एनजीओ को जिम्मेदारी दी जायेगी. निगम प्रशासन ने इसकी निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है और 30 नवंबर को निविदा खोली जायेगी.

सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नियम व शर्तों को मजबूत बनाया गया है. ताकि यह शहर साफ व सुंदर दिखे. वैसे शहर को तीन भागों में बांट कर पूर्व में भी सफाई की जिम्मेदारी तय करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन वह लागू नहीं हो पाया था.
आठ वार्डों में दो शिफ्ट में होगा कार्य
निगम के आठ वार्ड 12, 13, 14, 26, 27, 28, 33 एवं 34 को व्यावसायिक वार्ड घोषित किया गया है. जिसके कारण इन वार्डों में दो शिफ्ट में सफाई कार्य किया जायेगा. साथ ही अवकाश के दिनों में भी सफाई करनी होगी. पर्व त्योहारों के दिनों में धार्मिक स्थलों एवं वार्ड के महापुरुषों की प्रतिमा की भी साफ-सफाई करना सुनिश्चित किया गया है. समय-समय पर विशिष्ट अतिथियों के आगमन एवं महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों पर बिना अतिरिक्त शुल्क के सफाई कार्य करना होगा.
निगम अपने संसाधन से वसूलेगी राशि
सफाई कार्य के लिए एनजीओ को नगर निगम जेसीबी, ट्रैक्टर एवं टिपर उपलब्ध करायेगी. इसके बदले में जेसीबी का किराया एक हजार रुपये प्रति घंटा, 800 रुपये प्रति ट्रैक्टर प्रतिदिन एवं 200 रुपये प्रति टिपर प्रतिदिन के हिसाब से वसूली की जायेगी. इसके साथ ही वाहन में लगने वाले तेल एवं सविर्सिंग का भी खर्च एनजीओ को ही वहन करना होगा. सभी वाहनों की निगरानी जीपीएस से की जायेगी. साथ ही एनजीओ के अधीन कार्यरत मजदूरों के घायल होने पर भी इलाज एनजीओ को ही कराना होगा.
कहती हैं मेयर
मेयर रूमा राज ने कहा कि मुंगेर शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है. इस दिशा में निगम प्रशासन ने नयी व्यवस्था के तहत शहर में साफ-सफाई व कूड़ा उठाव का निर्णय लिया है जो एक जनवरी 2018 से लागू होगा. इसके लिए निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है.
सफाई पर खर्च होंगे प्रतिमाह 25.50 लाख रुपये
निगम प्रशासन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कूड़ा उठाव एवं सभी वार्डों में नालों एवं मार्गों की सफाई पर प्रतिमाह 25.50 लाख रुपये खर्च करेगी. इसके लिए निकाली जा रही निविदा में यह प्रावधान किया गया है कि 1-15 वार्ड पर प्रतिमाह 7.50 लाख तथा वार्ड संख्या 16-30 एवं 31-45 वार्डों पर 9-9 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. यानी प्रतिमाह सफाई मद में एनजीओ के माध्यम से कुल 25.50 लाख रुपये खर्च होंगे. इसके अतिरिक्त नगर निगम के अपने सफाई कर्मी भी सफाई कार्यों में सहयोग करेंगे. जबकि पूर्व में ऐसा नियम नहीं था और प्रति ट्रेलर के अनुसार एनजीओ को राशि का भुगतान किया जाता था.
हर घर से एनजीओ वसूलेगी राशि : सफाई के लिए एनजीओ द्वारा आवासीय घर से 30 रुपये, गैर आवासीय जैसे दुकान, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, हॉस्टल, होटल, व्यावसायिक, सरकारी कार्यालय व कोचिंग संस्थानों एवं अस्पतालों से 100 से 5000 रुपये तक की वसूली करेगी. साथ ही स्वास्थ्य सेवा संस्थान से 25 रुपये से 3000 रुपये एवं लघु व कुटीर उद्योग, गोदाम, विवाह भवन से 500 से 2500 रुपये की वसूली करेगी. यह राशि नगर निगम कोष में जमा करना सुनिश्चित किया गया है.

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