33.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक

बिहार में नेपाल सीमा से सटे खंडहरों का शहर नाम से प्रसिद्ध राजनगर बनने से पहले उजड़ गयी एक राजधानी है. खंडहरों के शहर में आज राजमहल तो नहीं है, लेकिन उसके खंडहर और करीब दर्जन भर मंदिरों का समूह देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाता है.

पटना. बिहार में नेपाल सीमा से सटे खंडहरों का शहर नाम से प्रसिद्ध राजनगर बनने से पहले उजड़ गयी एक राजधानी है. खंडहरों के शहर में आज राजमहल तो नहीं है, लेकिन उसके खंडहर और करीब दर्जन भर मंदिरों का समूह देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाता है. राजनगर शहर का पुराना नाम बछौर है. 1905 में खंडवाला राजवंश के शासक महाराजा रमेश्वर सिंह ने इसे अपने राज्य की राजधानी के तौर पर विकसित किया. नेपाल सीमा से बेहद करीब होने के कारण सामरिक नजरिये से इसे राजधानी का दर्जा नहीं मिल पाया, लेकिन इसका सबसे बड़ा दुर्भाग्य रहा कि पूरी तरह बनने से पहले ही 1934 के भूकंप में यह शहर पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया.

20वीं सदी के पहले दशक में बसा शहर
Undefined
अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक 6

प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, भारत-नेपाल सीमा से सटे इस शहर को बसाने की योजना 1898 के बाद बनी. हालांकि, 1901 के सर्वे में इस टाउनशिप का कोई उल्लेख नहीं मिलता है. बताया जाता है कि जमीन पर यह टाउनशिप 1905 के आसपास बनना शुरू हुआ, जो इसके खंडहर में बदलने तक जारी रहा. 1926 में निर्मित शारदा मंदिर आखिरी संपूर्ण हुई संरचना है. सचिवालय भवन समेत कई भवन और मंदिरों का निर्माण अधूरा ही रह गया.

सीमेंट के पहले प्रयोग का गवाह है राजनगर
Undefined
अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक 7

जिस प्रकार दिल्ली को लूटियन ने बनाया, उसी प्रकार राजनगर को ब्रिटिश वास्तुकार डॉ. एमए कोरनी ने मन से बनाया था. कहा जाता है कि कोरनी तिरहुत सरकार के कर्जदार थे और कर्ज चुकाने के बदले उन्होंने अपने हुनर को यहां ऐसे उकेरा कि वो वास्तुविदों के आदर्श बन गये. राजनगर के महल ही नहीं, खंडवाला राजवंश का सचिवालय भी तिरहुत सरकार के किसी दूसरे इमारत से बड़ा है. साथ ही, ये इमारतें अद्भूत वास्तुशिल्प का नमूना है. कोरनी द्वारा सबसे पहले सीमेंट का प्रयोग राजनगर में किये जाने की बात कही जाती है.

राजनगर में बिछा है मंदिरों का जाल
Undefined
अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक 8

ऐतिहासिक भवनों के साथ ही यहां कई महत्वपूर्ण मंदिरों का भी जाल बिछा है. तंत्र साधना में काली का अंतिम रूप (शिव की छाती से उतर कमल के फूल पर मुस्कुराती काली) विश्व में केवल यहीं स्थापित है. कहा जाता है कि महान तांत्रिक महाराजा रामेश्वर सिंह ने अपनी तंत्र साधना की पूर्णाहूति के बाद काली के इस अंतिम रूप को यहां स्थापित किया था. अमावस की रात मार्बल जैसी चमक मां काली के इस मंदिर को ताजमहल से भी ज्यादा हसीन बना देती है.

कई फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग
Undefined
अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक 9

राजनगर न केवल एक पिकनिक स्पॉट है, बल्कि यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. मैथिली की पहली फिल्म ममता गाबै गीत जिसका निर्माण 1963 में शुरू हुआ, उसकी अधिकतर शूटिंग राज नगर में ही हुई है. राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत मैथिली फिल्म मिथिला मखान की शूटिंग भी राजनगर में हुई है. इसके अलावा कई और फिल्म और वृत्तचित्र का निर्माण राजनगर में हो चुका है. फिल्मकार दीपेश चंद्र कहते हैं कि राजनगर आकर एक अलग ही अनुभूति होती है. यह खंडहरों का शहर तो है ही एक अलौकिक जगह भी है, जहां आकर आनंद और शांति दोनों मिलती है.

सरकार के पास कोई योजना नहीं
Undefined
अनुपम शिल्प के लिए प्रसिद्ध है बिहार में खंडहरों का शहर राजनगर, न्यू ईयर पर आते हैं देश विदेश से पर्यटक 10

साल भर में सैकड़ों की संख्या में देश विदेश से पर्यटक राजनगर आते हैं. नेपाल की तराई से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. इसके बावजूद बिहार सरकार ने इस जगह की घोर उपेक्षा कर रखी है. शहर में पर्यटकों की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. न सरकारी स्तर पर न ही निजी स्तर पर इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में देखा गया है. पर्यटकों की संख्या में लगातार बढोतरी के बावजूद न यहां खाने की बेहतर व्यवस्था है ना रहने का कोई खास इंतेजामात किये गये हैं. सड़क और रेल मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है. राजनगर स्टेशन पर भी पर्यटकों को इस जगह की उचित जानकारी मुहैया नहीं करायी गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें