नो पार्किंग जोन में वाहन लगाने से परेशानी

मधुबनी : शहर की ट्रैफिक जाम से निजात दिलाना जिला पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. आलम यह है कि पुलिस प्रशासन द्वारा गेट पर गाड़ी नहीं लगाने का बोर्ड लगाने के बाद भी ई रिक्शा व ऑटो चालक इसकी अनदेखी करते हुए अपनी गाड़ी वहीं खड़ा करते हैं. जिसके कारण स्टेशन चौक पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 31, 2019 1:50 AM

मधुबनी : शहर की ट्रैफिक जाम से निजात दिलाना जिला पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. आलम यह है कि पुलिस प्रशासन द्वारा गेट पर गाड़ी नहीं लगाने का बोर्ड लगाने के बाद भी ई रिक्शा व ऑटो चालक इसकी अनदेखी करते हुए अपनी गाड़ी वहीं खड़ा करते हैं. जिसके कारण स्टेशन चौक पर रह वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन ट्रैफिक कार्य में लगे जवान मूक दर्शक बने रहते हैं.

जाम स्पॉट में तब्दील हुआ स्टेशन चौक. यूं तो शहर के कई चौक चौराहों पर जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है. लेकिन शहर का व्यस्ततम इलाका स्टेशन चौक जाम स्पॉट में तब्दील हो गया है. विदित हो कि स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों से यात्रा करने वाले सैकड़ों लोग प्रतिदिन आते-जाते है.

इसके अलावे शहर का मुख्य मार्ग होने के कारण सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन भारी वाहनों व हल्के वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. यहां सड़क पर बेतरतीब तरीके लगे इन वाहनों के कारण यात्री, आम लोगों व वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हद तो जब होता है जब स्टेशन परिसर में स्थित ऑटो स्टैंड से आवागमन करने वाले वाहन चालकों को जाम में फंसकर स्टेशन परिसर से बाहर निकलने में काफी समय लग जाता है.

शहर में इन दिनों हजारों की संख्या में ई-रिक्शा का परिचालन होता है. ई-रिक्शा चालकों द्वारा ट्रैफिक नियम को ताक पर रखकर परिचालन किया जाता है. ट्रैफिक जाम के कारण सबसे अधिक समस्या स्टेशन से बाहर निकलने वाले महिला, बच्चे, बूढे शामिल होते हैं. वैसे शहर के कई व्यस्ततम चौक-चाराहों पर जिला पुलिस द्वारा कई होमगार्ड जवानों को ट्रैफिक कार्य पर लगाया गया है.

लेकिन जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है. बताते चलें कि स्टेशन चौक शहर के व्यस्ततम चौक में शामिल है. बावजूद ही नहीं स्टेशन चौक के सड़क के दोनों किनारे अवैध ढेला व सब्जी के दर्जनों दुकानें रोड पर ही अपने समान को रखकर बेचते है. और प्रशासन मौन चुप्पी साधे हुए हैं. कई बार नगर परिषद व अनुमंडल पशासन द्वारा सड़क को इन फुटकर विक्रेताओं को हटाने की कवायद शुरू किया गया लेकिन यह भी अन्य योजनाओं की तरह कागजों में ही दम तोड़ती दिख रही है.

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