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लॉकडाउन में बेटा फंसा प्रदेश में, पिता की हुई मौत, मुखिया ने कराया दाह संस्कार

सदर प्रखंड अंतर्गत अमहरा गांव में रविवार को एक महादलित की मौत हो जाने के बाद उसके परिजन असमंजस की स्थति में फंस गये. मृतक के दोनों पुत्र प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं.

लखीसराय: बिहार के लखीसराय जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत अमहरा गांव में रविवार को एक महादलित की मौत हो जाने के बाद उसके परिजन असमंजस की स्थति में फंस गये. मृतक के दोनों पुत्र प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. जिस वजह से मृतक के दाह संस्कार व अन्य कार्यों के लिए परेशानी होने लगी तो लखीसराय के न्यायिक पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. सूचना मिलने पर मृतक के परिजनों के सहयोग में आगे आये, तथा उन्हें श्राद्ध कार्यक्रम तक हर संभव सहायता प्रदान करने की बात कही. जिसके लिए उन्होंने डालसा के रिटेनर अधिवक्ता रजनीश कुमार को सहयोग के लिए भेजा. इस संबंध में रजनीश कुमार ने बताया कि मृतक अमहरा गांव निवासी 60 वर्षीय जहुरी मांझी काफी गरीब था, जिसके दोनों बेटे प्रदेश में काम करते हैं तथा लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. जिसकी जानकारी मिलने पर न्यायिक पदाधिकारियों के द्वारा उन्हें भेजा गया है. न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से उन्होंने तत्काल मृतक के परिवार को एक हजार रुपये नगद प्रदान किया तथा श्राद्धकर्म तक न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया. वहीं अमहरा पंचायत की मुखिया सविता देवी के सहयोग से तत्काल मृतक के परिजन को तीन हजार रुपये नगद प्रदान कराया गया तथा दाह संस्कार के लिए वाहन की व्यवस्था कर घाट पर भेजा गया.

ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से किया दाह संस्कार

लखीसराय जिले के खगौर पंचायत महारानी स्थान स्थित रविवार देर रात देबू बिंद (55 वर्ष) की मौत ही गयी. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन की खबर सुन ग्रामीण उनके परिवार के सहयोग में खड़े हुए, तथा आपसी सहयोग कर उनका दाह संस्कार कराया. स्थानीय निवासी दिनेश बिंद, लोकनाथ बिंद, संजीत कुमार, संतोष रजक, पंचायत समिति प्रतिनिधि पिंटू, एवं ग्रामीण के द्वारा सहयोग राशि उनके परिवार को दिया गया. पंचायत के मुखिया ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत राशि देने की अश्वासन दिये. न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से उन्होंने तत्काल मृतक के परिवार को एक हजार रुपये नगद प्रदान किया तथा श्राद्धकर्म तक न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया. वहीं अमहरा पंचायत की मुखिया सविता देवी के सहयोग से तत्काल मृतक के परिजन को तीन हजार रुपये नगद प्रदान कराया गया. वहीं स्थानीय ग्रामीण के द्वारा पार्थिव शरीर को दाह संस्कार के लिए गाड़ी के प्रबंध कर माराची के गंगा घाट भेजे.

परदेसियों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने के लिए करें प्रेरित

पंचम वित्त आयोग में प्राप्त धनराशि को ग्राम पंचायत कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से बचाव कार्य में खर्च कर सकते हैं. जिससे आम लोगों को सीधे तौर पर लाभ प्राप्त हो सकता और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाया जा सकता है. ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि का जनहित में यह कर्तव्य होता है कि अपने अपने क्षेत्रों में सेनटाइजर का छिड़काव करवे तथा लॉकडाउन नियमों का पूर्ण पालन करावें. उनके वार्ड में कोई भूखा नहीं रहें, अगर कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश करें तो उसे पंचायत स्तर पर बनाये गये क्वारेंटिन सेंटर पर रहने हेतु प्रेरित करें. साथ ही स्थानीय लोगों के सहयोग से उनके खाने का उचित वयवस्था करें. अगर कोई परेशानी या दिक्कत हो रही है तो डालसा सचिव लखीसराय से दूरभाष पर संपर्क कर सकते या डालसा के रिटेनर अधिवक्ता रजनीश कुमार, शिवेश कुमार, कुमारी बबीता, रमेश कुमार त्रिपाठी, यतींद्र कुमार सिंह, विजय कुमार, सुखदेव महतो, डालसा के पैनल अधिवक्ता, स्थानीय विधिक स्वयं सेवक से भी संपर्क स्थापित कर सहयोग ले सकते हैं.

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