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हनुमान थान से बरामद नग्न शव के पैर की उंगली व घुटनों को देख किया पुरोहित के भाई ने पहचान

विगत 23 अगस्त को शृंगीऋषि धाम से नक्सलियों के द्वारा अगवा किये गये पुजारी सह लय निवासी राजेंद्र झा के पुत्र नीरज झा का शव बरामद कर लिया गया है. रविवार को शव के पीरीबाजार थाना क्षेत्र के हनुमान थान में मिलने की सूचना पर पहले पुजारी के पिता राजेंद्र झा रविवार को ही घटनास्थल जाकर शव का निरीक्षण कर उस समय उक्त शव को अपने पुत्र का शव होने से ही इंकार कर दिया था.

लखीसराय/कजरा : विगत 23 अगस्त को शृंगीऋषि धाम से नक्सलियों के द्वारा अगवा किये गये पुजारी सह लय निवासी राजेंद्र झा के पुत्र नीरज झा का शव बरामद कर लिया गया है. रविवार को शव के पीरीबाजार थाना क्षेत्र के हनुमान थान में मिलने की सूचना पर पहले पुजारी के पिता राजेंद्र झा रविवार को ही घटनास्थल जाकर शव का निरीक्षण कर उस समय उक्त शव को अपने पुत्र का शव होने से ही इंकार कर दिया था.

परिजनों ने की पहचान

वहीं सोमवार को एएसपी अभियान अमृतेश कुमार एवं सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में गयी एसटीएफ, सीआरपीएफ व पुलिस की टीम ने द्वारा शव को बरामद कर कजरा थाना लाये जाने पर मृतक के भाई पंकज झा सहित अन्य परिजनों के द्वारा शव के पैर की उंगलियां व घुटनों के साथ ही जनेऊ को देख शव की पहचान नीरज झा के ही होने की बात कही. वहीं इस संबंध में कजरा थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने भी बताया कि परिजनों ने शव के नीरज झा का ही शव होने की पुष्टि की है, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए लखीसराय सदर अस्पताल भेज दिया गया है.

नीरज झा के शव मिलने के बाद होती रहीं तरह तरह की चर्चाएं

शृंगीऋषि धाम के पुरोहित नीरज झा के अपहरण के साथ ही कई तरह की चर्चाएं होने लगी थी. पहले दिन रविवार को तो इस संबंध में न तो परिजन और न ही पुलिस के द्वारा ही मामले को लेकर कुछ बताया जा रहा था. उसके बाद नक्सलियों की ओर से जब नीरज झा को छोड़ने के एवज में एक बड़ी मोटी रकम की मांग की गयी तो मामला धीरे धीरे सामने आता गया. जिसमें नीरज झा को नक्सली एरिया कमांडर बालेश्वर कोड़ा के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक नक्सलियों के द्वारा नीरज झा को अगवा किये जाने की बात कही जाने लगी. वहीं नक्सलियों के द्वारा मांगी गयी रकम दिये जाने में असमर्थता दिखाये जाने के बाद नक्सलियों के द्वारा मांग पूरी नहीं होने पर नीरज झा को मार दिये जाने का भी फरमान सुनाया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत मंगलवार को खूंखार नक्सली अर्जुन कोड़ा के द्वारा अपने सार्गिदों को आदेश दिया गया था कि पुरोहित की ओर से रकम नहीं मिल सकती है जिससे उसे मौत के घाट उतार दो. उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार को ही नीरज झा को नक्सलियों के द्वारा मौत दे दी गयी थी. क्योंकि शव जिस हालत में बरामद किया गया, उससे प्रतीत हो रहा था कि शव पांच से छह दिन पुराना होगा. इधर, शव मिलने के बाद मामले को कोई इसे शृंगीऋषि धाम पर कब्जे को लेकर विवाद से जोड़कर देख रहा है तो कोई मामले में ग्रामीण स्तर पर भी विवाद की चर्चा कर रहा था. चर्चाओं के दौरान यह भी बात सामने आ रही थी कि कहीं किसी विवाद को लेकर नीरज झा के विरोधी नक्सलियों से मिलकर इस घटना को अंजाम दिलाने का काम किया है.

एक ओर दहशत, तो दूसरी ओर आक्रोश का माहौल

कजरा. शृंगीऋषि धाम पुरोहित सह लय निवासी नीरज कुमार झा का शव पीरीबाजार थाना क्षेत्र के हनुमानथान में शव मिला. सोमवार को अहले सुबह पुलिस प्रशासन द्वारा शव को कजरा थाना लाया गया, जहां परिजनों व क्षेत्रवासियों को शव देखने को लेकर भीड़ उमड़ पड़ी. ग्रामीण तो आये पर कई ग्रामीणों ने बताया कि जब एक नेक पुरोहित को बख्शा नहीं तो हम जैसे आम इंसान को कौन छोड़ेगा. अब तो हमलोग को घर में रहने में भी डर लग रहा है. साथ ही नक्सलियों के प्रति काफी आक्रोशित देखने को मिला.

आखिरकार नक्सलियों ने कर दी हत्या

सूर्यगढ़ा. बीते 23 अगस्त को नक्सलियों द्वारा अपहृत प्रखंड के रामायणकालीन महत्व वाले प्रसिद्ध ऋंगीऋषि धाम के पुरोहित नीरज झा की हत्या हो गयी. रविवार को प्रखंड के नक्सल प्रभावित पीरीबाजार थाना क्षेत्र के हनुमानथान से बरामद शव की शिनाख्त मृतक नीरज झा के परिजनों द्वारा किया गया, जिसमें बताया गया कि शव नीरज झा का ही है. नीरज झा की नक्सलियों द्वारा हत्या के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है. नीरज झा का सूर्यगढ़ा से विशेष लगाव रहा. उनका ससुराल सूर्यगढ़ा प्रखंड मुख्यालय से सटे जक जकड़पुरा गांव में है. नीरज झा सूर्यगढ़ा प्रखंड के बुधौली बनकर पंचायत के लय गांव के निवासी थे, लेकिन उन्होंने प्रखंड मुख्यालय सूर्यगढ़ा से सटे सलेमपुर गांव के जेठमानी टोला में भी अपना घर बना रखा है, जहां उनके छोटे भाई मृत्युंजय झा का परिवार रहता है. सूर्यगढ़ा साई मार्केट में उनकी रेडिमेड की छोटी सी दुकान है, जिसमें प्रोपराइटर के रूप में नीरज झा का नाम दर्ज है. नीरज झा अपने तीन भाइयों में बड़े थे और वे पिछले डेढ़ दशक से नक्सली मांद ऋंगीऋषि धाम में पुरोहित रहे. ऐसे में चर्चा हो रहा है कि आखिर क्या बात हुई जिसके कारण नक्सली नीरज झा को अगवा कर उनकी हत्या कर दिया. क्या केवल फिरौती के लिये नक्सलियों ने नीरज झा की हत्या कि या इसके पीछे कोई और वजह है इसे लेकर लोग दबी जुबां चर्चा कर रहे हैं.

posted by ashish jha

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