23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं कम हुआ कोहरे का प्रकोप, कनकनी भी बढ़ी

नहीं कम हुआ कोहरे का प्रकोप, कनकनी भी बढ़ीफोटो संख्या:01-कोहरे के बीच ट्यूशन लेकर अपने घर लौटती छात्राएंफोटो संख्या:02-भयानक शीतलहर के बीच स्कूल जाते बच्चेप्रतिनिधि, लखीसरायशनिवार को कोहरे का प्रकोप काफी बढ़ गया व ठंड में भी वृद्धि दर्ज की गयी. सुबह घना कोहरा की वजह से सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम सी गयी. […]

नहीं कम हुआ कोहरे का प्रकोप, कनकनी भी बढ़ीफोटो संख्या:01-कोहरे के बीच ट्यूशन लेकर अपने घर लौटती छात्राएंफोटो संख्या:02-भयानक शीतलहर के बीच स्कूल जाते बच्चेप्रतिनिधि, लखीसरायशनिवार को कोहरे का प्रकोप काफी बढ़ गया व ठंड में भी वृद्धि दर्ज की गयी. सुबह घना कोहरा की वजह से सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम सी गयी. कोहरे इतना धना था कि लोगों को पांच मीटर आगे की चीजों को भी देखना मुशकिल हो रहा था. शुक्रवार की तुलना में लोगों को अधिक ठंड महसूस हो रहा था. लोग दिन चढ़ने तक अपने घरों में दुबके रहे व हीटर, ब्लोअर या अलाव के द्वारा ठंड से बचने की कोशिश करते रहे. दिन चढ़ने के बाद भी कोहरे का प्रकोप कम होने की बजाय व अधिक बढ़ गया. लोगों को खिली धूप का दीदार नहीं हो पाया व सारा दिन कनकनी बनी रही. लोग आवश्यक कार्यवश ही घरों से बाहर निकल रहे थे. इधर नये साल के पहले दिन शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी के बाद शनिवार को जब स्कूल खुला तो कनकनी के कारण बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी हुई. बच्चे भयानक ठंड में कंपकंपाते स्कूल जा रहे थे. स्कूलों में ठंड से बचने के लिये कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से अभिभावक चिंतित नजर आये. पिछले दिनों सूर्यगढ़ा के डीडी पब्लिक स्कूल में अध्यापन कर रहे शिक्षक राहुल कुमार लकवा के शिकार हो गये, जिनका इलाज पटना में चल रहा है. ठंड के कारण विद्यालयों व दफ्तरों में उपस्थिति अपेक्षाकृत कम रही. घने कोहरे का असर सड़क मार्ग के अलावे रेल यातायात पर भी दिखा. दूरस्थ रूट की कई ट्रेन काफी विलंब से चली. ठंड के कारण यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. विलंब से ट्रेन के परिचालन की वजह से कई लोगों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी. लोग रेलवे के पूछताछ केंद्र द्वारा लगातार ट्रेनों का अपडेट ले रहे थे. कुछ लोग ठंड में रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते नजर आये. ठंड के कारण आम जनजीवन हुआ बेपटरीशनिवार को धने कोहरे व ठंड में अप्रत्याशित वद्धि के कारण आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त नजर आया. लोग सुबह माॅर्निग वाक पर नहीं गये व दिन चढ़ने तक बिस्तरों में दुबके रहे. शिक्षक धीरेंद्र कुमार के मुताबिक सुबह जब नींद खुली तो घना कोहरा के कारण आसपास की चीजें भी ठीक तरीके से दिखाई नहीं दे रही थी. लोगों को ठंड के कारण दिनचर्या निबटाने में भी परेशानी हो रही थी. दवा व्यवसायी अशोक केडिया के मुताबिक चार-पांच दिनों से मौसम जिस तरह यू टर्न ले रहा है, लगता है अब कड़ाके की ठंड लोगों की परेशानी का कारण बनेगा. अब तक भयानक शीतलहर से लोग बचे थे, लेकिन पिछले चार दिनों से ठंड अपने रौद्र रूप में नजर आ रहा है. लोग धूप के लिये तरस रहे हैं. ऊनी कपड़ा विक्रेता की बांछें खिलीचार-पांच दिनों में मौसम में जिस तरह का बदलाव आया है, लोगों का मानना है कि ठंड अब इस सीजन में अपनी पराकाष्ठा पर चढ़ने लगा है. अब तक दिन में खिली धूप के कारण लोगों को ठंड से काफी राहत मिल रही थी. न्यूनतम तापमान व अधिकतम तापमान में तिगुना का अंतर आ रहा था. इसकी वजह से उम्मीदों के मुताबिक ऊनी कपड़े का कारोबार नहीं हो पाया. इससे कारोबारियों में निराशा थी. उन्हें हाड़ कंपा देनेवाली ठंड का इंतजार था, ताकि कारोबार में वृद्धि हो सके. ठंड बढ़ने के साथ ऊनी कपड़ा के कारोबार में इजाफा हुआ है. इससे कारोबारी के चेहरे खिल उठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस ठंड में ऊनी कपड़े का बचा स्टॉक समाप्त हो जायेगा. कारोबारी सुशील कुमार के मुताबिक ऐसे तो ठंड के शुरूआती दिनों से ही ऊनी वस्त्रों की बिक्री होती है लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में कारोबार बढ़ा है. उम्मीद है दुकानदार के पास जो भी बचा स्टॉक है, उसकी बिक्री हो जायेगी. बाजारों में कम रही भीड़ठंड में इजाफे के बाद हाट-बाजारों में भी खरीदारों की भीड़ कम नजर अा रही है. लोग आवश्यक कार्यवश ही घरों से निकल रहे हैं व शाम ढलते ही काम निबटाकर घर लौटने की उन्हें जल्दी रहती है. बाजारों में सुबह व शाम बिरानी छायी रही. हालांकि दिन चढ़ने के बाद लोग घरों से निकले, लेकिन इनकी संख्या कम रही. ठंड की वजह से व्यवसाय भी प्रभावित रहा.नहीं हुई अलाव की व्यवस्था, ठंड से लोग हलकानअंचलाधिकारी नहीं मानते कि अलाव जलाने की कोई जरूरत है प्रतिनिधि, लखीसराय/सूर्यगढ़ाजिले भर में अलाव की व्यवस्था नहीं होने से गरीबों के लिये इस भयानक शीतलहर में रात गुजारना मुश्किल हो रहा है. न उन्हें अब तक कंबल की गरमाहट मिल पायी है व न ही भयानक कंपकंपी में अलाव की गरमाहट. कुछेक जगहों पर स्वंयसेवी संगठनों ने कंबल वितरण की पहल जरूर की लेकिन यह अब भी लोगों की जरूरतों से काफी कम है. जिला प्रशासन या नगर प्रशासन के द्वारा कंबल का वितरण अबतक नहीं किया गया है. किसी भी स्तर से जिले भर में अलाव की व्यवस्था नहीं हो पायी है. गरीब सर्द भरी रात में ठिठुर रहे हैं. इधर सूर्यगढ़ा प्रतिनिधि के मुताबिक स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम गरीब लोग भुगत रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था अब तक नदारद है. आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा अलाव के लिये राशि उपलब्ध किये जाने के बावजूद स्थानीय पदाधिकारी अलाव जलाना आवश्यक नहीं समझते. जब इस बारे में अंचलाधिकारी प्रेम कुमार से पूछा गया तो उनका जवाब चौकानेवाला था. अंचलाधिकारी के मुताबिक अलाव की जरूरत ही क्या है. सूर्यगढ़ा में कोई रैन बसेरा तो है नहीं. रात आठ बजे के बाद अलाव सेंकने के लिये कौन घर के बाहर होता है. केवल शराबी किस्म के लोगों का ही जमावड़ा होता है. कुछ जगहों पर लोग बगैर आदेश के अलाव जलाकर राशि की मांग कर रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें