नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जम कर मना लोकतंत्र का पर्व

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जम कर मना लोकतंत्र का पर्व झाझा . लोकतंत्र का महापर्व झाझा विधानसभा क्षेत्र में शांति पूर्वक संपन्न हो गया. झाझा विधानसभा क्षेत्र के कुल 303 मतदान केंद्रों में अधिकतर मतदान केंद्र (शहरी) को छोड़ कर नक्सल प्रभावित था. बावजूद इसके पारा मिलिट्री फोर्स की तैनाती एवं प्रशासन के मुस्तैद रहने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2015 6:39 PM

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जम कर मना लोकतंत्र का पर्व झाझा . लोकतंत्र का महापर्व झाझा विधानसभा क्षेत्र में शांति पूर्वक संपन्न हो गया. झाझा विधानसभा क्षेत्र के कुल 303 मतदान केंद्रों में अधिकतर मतदान केंद्र (शहरी) को छोड़ कर नक्सल प्रभावित था. बावजूद इसके पारा मिलिट्री फोर्स की तैनाती एवं प्रशासन के मुस्तैद रहने के शांतिपूर्ण संपन्न करा लिया गया. 5 से 7 किलोमीटर पैदल चल कर मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचा तथा जम कर मतदान किया. नक्सल के साये में जीने वाले लोग अब स्वच्छंद व निर्भिक हो कर ना सिर्फ जीवनयापन करना चहते है. बल्कि किसी भी तरह के चुनाव में खुल कर हिस्सेदारी ले रहे है. नरगंजो, बोड़वा, दुधरवा, जुड़पनियां, मानिकबथान, बखौरीबथान, पाथझरना समेत दर्जनों ऐसे गांव है जो बिल्कुल अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. ऐसे गांवों के लोगों ने स्वच्छंद होकर ना सिर्फ मतदान किया. बल्कि आसपास के लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित भी किया. बड़कू हेंब्रम, पूरन हेंब्रम, तालो भरांडी, शिव किस्कू समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि हमारे क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र घोषित कर मतदान केंद्र को काफी दूर हस्तांतरित कर दिया जाता है. जबकि प्रत्येक चुनाव के समय हमलोग खुल कर मतदान करते है. आज तक किसी ने मतदान करने के लिए हमें नहीं रोका है और ना ही किसी तरह की कोई संदेश हमलोगों को मतदान ना करने के लिए कहा जाता है. ग्रामीणों ने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रत्येक चुनाव के समय हमलोग मतदान तो कर देते है. लेकिन जीतने के बाद कोई जनप्रतिनिधि हमलोगों की सुधि लेने नहीं आते है. हमलोगों को सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी समेत कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना आज भी पड़ रहा है.

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