26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

थानाध्यक्ष अश्विनी ने कभी चार लोगों की मॉब लिंचिंग से बचायी थी जान, पर खुद हो गये इसके शिकार, गम में डूबा पूरा गांव

किशनगंज के सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की जिले से सटी बंगाल की सीमा के अंदर छापेमारी के दौरान मॉब लिंचिंग में हुई हत्या ने अररिया जिले के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है. वे बाइक चोरों को पकड़ने के लिए किशनगंज जिले से सटे बंगाल क्षेत्र में छापेमारी के लिए गये थे, जहां उनकी मॉब लिंचिंग कर दी गयी. शनिवार सुबह से लेकर पूरे दिन जिले के आम लोगों समेत पदाधिकारियों में उनकी चर्चा होती रही. कभी दूसरों को मॉब लिंचिंग से बचाने वाले अश्विनी कुमार आज खुद इसका शिकार बन गए.

किशनगंज के सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की जिले से सटी बंगाल की सीमा के अंदर छापेमारी के दौरान मॉब लिंचिंग में हुई हत्या ने अररिया जिले के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है. वे बाइक चोरों को पकड़ने के लिए किशनगंज जिले से सटे बंगाल क्षेत्र में छापेमारी के लिए गये थे, जहां उनकी मॉब लिंचिंग कर दी गयी. शनिवार सुबह से लेकर पूरे दिन जिले के आम लोगों समेत पदाधिकारियों में उनकी चर्चा होती रही. कभी दूसरों को मॉब लिंचिंग से बचाने वाले अश्विनी कुमार आज खुद इसका शिकार बन गए.

अश्विनी कुमार 11 फरवरी 2016 से 14 मार्च 2017 तक रानीगंज थाने में थानाध्यक्ष पद पर रहे. बताया जाता है कि भरगामा के रहरिया में एक जनवरी 2017 को भूमि विवाद में भाकपा के कमलेश्वरी ऋषिदेव व सत्यनारायण यादव की हत्या कर दी गयी थी. आक्रोशित भीड़ ने चार लोगों को बंधक बना लिया था. लेकिन, थानेदार अश्विनी कुमार ने अपनी सूझबूझ व साहस के बल पर चारों व्यक्तियों को भीड़ मुक्त करा लिया था, नहीं तो चारों की मॉब लिंचिंग हो जाती. इस घटना के बाद विभाग समेत जिले के लोगों में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ गयी थी. पर, ऐसे पुलिस अधिकारी के साथ मॉब लिंचिंग की घटना ने लोगों को अंदर तक हिला कर रख दिया है.

पूर्णिया जिले के जानकीनगर क्षेत्र के अभयराम चकला पंचायत के पांचू मंडल टोला वार्ड 18 में आज सुबह होते ही अंधियारा छा गया. किशनगंज में पदस्थापित अपने बेटे इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के मुठभेड़ में शहीद होने की खबर ने पूरे गांव को गम और आंसू के मंजर में तब्दील कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार 1994 बैच के दारोगा थे. उनकी पहली पोस्टिंग नालंदा के शेखपुरा थाना में हुई थी. इसके बाद उन्होंने मुंगेर, बांका, एसटीएफ, कटिहार, परिवहन, सीआइडी और अररिया जिले में अपनी उत्कृष्ट सेवा दी.

Also Read: किशनगंज: थानेदार बेटे की मॉब लिंचिंग से हुई मौत का सदमा सहन नहीं कर सकी मां, हार्ट अटैक से हुआ निधन

पटना के हनुमाननगर में उन्होंने किराये का घर ले रखा था, जहां उनकी पत्नी व बच्चे रहते हैं. किशनगंज जिले के शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के परिजनों से मिलने जिलाधिकारी राहुल कुमार और पुलिस अधीक्षक दयाशंकर पांचू मंडल टोला पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने कहा कि सरकार दोषियों को कठोरतम सजा दिलाएं. इसके साथ ही एक आश्रित को नौकरी और उचित मुआवजा के लिए परिजनों ने गुहार लगायी.

सात साल पहले अपने पति महेश्वरी यादव को खोने के बाद अब आंचल सूना होने से मां उर्मिला देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. आखिरकार वो इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिये. वहीं इससे पहले पटना से पत्नी मीनू स्नेहलता बच्चों नैंसी, वंश और ग्रेसी के साथ पहुंची, तो उन्हें देखकर हर कोई भाव विह्वल हो गया. पूरा परिवार रो-रोकर बेहाल है. थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई ठाकुर उच्च विद्यालय खूंट से हुई. टीपी कॉलेज मधेपुरा से आगे की पढ़ाई पूरी की.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें