हृदय रोग से पीड़ित दो बच्चे को इलाज के लिए भेजा अहमदाबाद

दो बच्चे को इलाज के लिए भेजा अहमदाबाद

By Prabhat Khabar Print | May 25, 2024 12:06 AM

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत होगा निःशुल्क उपचार जरूरतमंदों को आरबीएसके टीम के सहयोग से मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रतिनिधि, किशनगंज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों को सुविधाजनक तरीके से समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल है. जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात हृदय रोग से जिले के कोचाधामन प्रखंड के दो बच्चों को सफल इलाज के लिए गुरुवार को सदर अस्पताल से एम्बुलेंस के द्वारा पटना तथा शुक्रवार को पटना से हवाई जहाज से अहमदाबाद भेजा गया है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में हृदय में छेद के साथ जन्में कई बच्चों की मुफ्त सफल सर्जरी हो चुकी है. बताया कि आरबीएसके में शामिल मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जिले में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का समुचित इलाज हो रहा व पीड़ित बच्चे स्वस्थ्य भी हो रहें हैं. जो आरबीएसके टीम की सकारात्मक पहल का परिणाम है. इसके लिए जिले में पीएचसी से लेकर जिला स्तर के अस्पतालों में तैनात आरबीएसके टीम क्षेत्र भ्रमण कर ऐसे बच्चों को ना सिर्फ चिह्नित कर रही बल्कि, उसका निःशुल्क समुचित इलाज भी सुनिश्चित करवा रही है. ताकि पीड़ित बच्चे को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके. जिससे लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति विश्वास बढ़े व उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मिल सके. वहीं, इस दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दी जा रही और लाभ लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. जिससे अधिकाधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का सुविधाजनक तरीके से लाभ ले सकें और अनावश्यक परेशानियों से दूर रहें. मुफ्त में होगा समुचित उपचार आरबीएसके डीआइसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि दोनों बच्चों का इलाज सात निश्चय कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत बिल्कुल मुफ्त होगा. इसमें मरीज बच्चा और उसके एक अभिभावक को सरकार अपने खर्चे पर अहमदाबाद ले जाकर उचित इलाज करवाती है. उनके मुताबिक दोनों बच्चों को जन्म से ही दिल में छेद था, जिससे उनका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा था. उसके पिता ने बताया कि बच्चों को बार-बार बुखार तथा जल्द ही थकान होने लगती थी. उन्होंने ने कहा कि अहमदाबाद इलाज के लिए जा रहे बच्चों की स्क्रीनिंग आइजीआइसी में हुई थी. जहां उनके दिल में छेद होने की पुष्टि हुई. इलाज के बाद इनका फॉलोअप भी किया जायेगा. शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए कार्य करती है आरबीएसके की टीम सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आइजीआइएमएस, एम्स पटना व पीएमसीएच भेजा जाता है. टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नाप तौल आदि करती हैं. फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है. इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजीज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसेबिएलिटी आदि शामिल हैं. इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है. सक्रियता के साथ प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर टीम कर रही है कार्य जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया, समाज के अंतिम व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए हमारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है. यही नहीं, जरूरतमंदों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक हमारी टीम जरूरी सहयोग भी करती है. ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके. वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है. जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और फार्मासिस्ट शामिल हैं. उन्होंने कहा, मैं तमाम जिलेवासियों से अपील करता हूं कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को सूचना दें. उनके बच्चे का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जायेगा.

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