बिहार का चेरापूंजी कहा जाने वाला किशनगंज अब गर्मी व हीट वेब का है शिकार

किशनगंज अब गर्मी व हीट वेब का है शिकार

By Prabhat Khabar Print | May 26, 2024 11:53 PM

रणविजय सिन्हा, पौआखाली बिहार का चेरापूंजी कहे जाने वाले किशनगंज में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. सूर्य की तपिश से यहां की धरती तप रही है. अमूमन 30 से 35 डिग्री तक तापमान वाले इस जिले में अब 40 से 46 डिग्री तक की गर्मी महसूस की जा रही है. भीषण गर्मी और गरम हवाओं की थपेड़ों से आम जनजीवन काफी प्रभावित है. रोजी रोजगार के खातिर कामकाजी लोग मजबूरीवश इस तपती जलती गर्मी में घर से बाहर निकलने को विवश हैं तो वहीं ऐसे भी लोग है जो इसकी परवाह किए बिना ही अपने-अपने घरों के अंदर ही दुबके रहने को मजबूर हैं. लोग गर्मी से बचने के लिए बिजली संयंत्र जैसे पंखा, कूलर, एसी का सहारा ले रहे हैं. किंतु बिजली की दिनभर आंख मिचौली के कारण लोग ठंडे स्थानों में यानी पेड़ों की छांव तले वक्त गुजारने को विवश हो गए हैं. उधर लोगों का कहना है कि गर्मी का प्रभाव इतना है कि सीलिंग फैन की हवा गर्मी से राहत नहीं दिला पाती है. इसके साथ-साथ टेबल फैन या फिर कूलर की जरूरत पड़ती है. भीषण गर्मी के कारण बाजार में शीतल पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ गई है लोग डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी, दही के अलावे एनर्जल ड्रिंक आदि का उपयोग कर रहे हैं. भीषण गर्मी से त्रस्त घर के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि किशनगंज की आबोहवा में परिवर्तन देखने को मिल रही है, यहां अप्रैल माह से अबतक कई मर्तबा बारिश हो जाया करती थी और नदी नालों तालाब आदि में पानी भर आया करता था. यही नहीं अन्य जिलों और प्रदेशों के वनिस्पत किशनगंज में मौसम बिलकुल ही सुहाना रहा करता था ना अधिक गरम और ना ही ठंडा जो सबको भाता था. जिस कारण ही इस क्षेत्र को मिनी दार्जिलिंग और दूसरा चेरापूंजी के नाम से लोग जाना करते हैं. किंतु पिछले दो तीन वर्षों से यहां की जलवायु में परिवर्तन देखने को मिल रही है. भीषण गर्मी से लोग बीमार भी पड़ रहे हैं डिहाइड्रेशन, बीपी, हाइपर टेंशन और स्क्रीन प्रॉब्लम के शिकार लोगों की परेशानियां बढ़ गई है. वातावरण में बढ़ती गर्मी और तापमान के लिए समाज में शिक्षित और बुद्धिजीवी तबका इसका एकमात्र कारण आधारभूत संरचनाओं के निर्माण हेतु पेड़ों और नदी क्षेत्रों की मिट्टी की अंधाधुंध कटाई को जिम्मेवार मान रहे हैं.

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