बिना माइनिंग प्लान के उपजाउ जमीन पर हो रही मिट्टी की गहरी खुदाई

उपजाउ जमीन पर हो रही मिट्टी की गहरी खुदाई

By Prabhat Khabar Print | May 25, 2024 12:03 AM

पौआखाली एक तरफ सरकार खेतों में उपज बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के जरिए किसानों तक नई-नई तकनीक पहुंचाने की नीतियां अपना रही है और साथ ही तरह-तरह के कृषि संयंत्र भी सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ खेत मालिकों का एक बड़ा सा तबका किशनगंज में निजी आर्थिक लाभ के लालच में अपनी ही उपजाऊ जमीन की मिट्टी को खोदकर बंजर बना डाला है. बगैर माइनिंग प्लान के ही यहां सैंकड़ों एकड़ में उपजाऊ भूमि की मिट्टी को खोदकर तालाब सा बना दिया गया है. एक तरह से उपजाऊ भूमि की मिट्टी का व्यवसायीकरण हो रहा है, जिसे बेचकर किसान जीविकोपार्जन का जरिया बना डाला है. गौरतलब हो कि इस मामले में जिले का ठाकुरगंज प्रखंड सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित है और इन्ही ईंट भट्ठों में ईंट निर्माण में बड़े पैमाने पर मिट्टी की खपत होती है लिहाजा ईंट भट्ठों के आसपास की उपजाऊ भूमि इन ईंट भट्ठों के निशाने पर हैं. खासकर सुखानी थानाक्षेत्र में सूरीभिट्ठा, भेलागुड़ी, साबोडांगी, सालगुड़ी, बिलायतीबाड़ी, राजागंव, बारह पोठिया के अलावे पौआखाली थानाक्षेत्र के रसिया, विधिभिट्ठा, मालिनगांव सहित अन्य कई जगहों जहां भी ईंट भट्ठा संचालित हैं. वहां की उपजाऊ भूमि की मिट्टी काटकर लोग या तो सीधे ईंट भट्ठों को या फिर ट्रैक्टर मालिकों को बेचते हैं. मिट्टी के कटाव में जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया जाता है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इन क्षेत्रों से बगैर माइनिंग प्लान के ही कृषक अपनी उपजाऊ भूमि की मिट्टी ईंट भट्ठों में एवम अन्य कार्यों में उपयोग के लिए जरुरतमदों को बेचते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार उपजाऊ भूमि की मिट्टी खनन के लिए माइनिंग प्लान के तहत पहले अंचल प्रशासन से खुदाई वाले जमीन की वास्तविक रिपोर्ट मांगी जाती है. फिर रिपोर्ट के आधार पर माइनिंग प्लान के तहत तीन फीट तक ही मिट्टी खुदाई की खनन विभाग द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है, लेकिन यहां खनन विभाग और अंचल प्रशासन से बिना अनुमति लिए ही जमीन मालिक मिट्टी खनन कर व्यवसाय कर रहे है. सबसे आश्चर्य तो यह है कि ईंट भट्ठों के द्वारा माइनिंग प्लान के तहत प्राप्त अनुमति अनुसार तीन फीट गहराई ही खुदाई करनी है लेकिन ईंट भट्ठों का निरीक्षण हों तो खुद ही वास्तविकता सामने आ जायेगी. कहते हैं अंचलाधिकारी अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी का कहना है कि मिट्टी खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरूरी है, हां कृषि योग्य उपजाऊ भूमि की खुदाई से संबंधित भूमि की अवस्था निजी है या फिर लाल कार्ड बंदोबस्ती है. इसकी शिकायत मिलने पर चुनाव प्रक्रिया समाप्ति के उपरांत इस दिशा में जांच की जायेगी.

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