दिघलबैंक-बहादुरगंज सड़क पर गड्ढे व कीचड़ से राहगीर परेशान, आक्रोश

दिघलबैंक : दिघलबैंक से बहादुरगंज जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. सड़क में कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. जिसके कारण आये दिन गिरकर लोग घायल हो जाते हैं. वहीं इस मुख्य सड़क पर जनता हाट चौक के समीप हल्की बारिश में भी सड़क पर जल जमाव हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 8:02 AM

दिघलबैंक : दिघलबैंक से बहादुरगंज जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. सड़क में कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. जिसके कारण आये दिन गिरकर लोग घायल हो जाते हैं. वहीं इस मुख्य सड़क पर जनता हाट चौक के समीप हल्की बारिश में भी सड़क पर जल जमाव हो जाता है. कुछ दिन पूर्व रिपेयरिंग के नाम पर बालू युक्त मिट्टी डाल दी गयी. अभी हालत यह है कि हल्की बारिश में कीचड़ हो जाता है.

जिससे आने जाने वालों लोगों को काफी परेशानी होती ही है, साथ ही स्थानीय दुकानदार जमे गंदे पानी और कीचड़ के समीप रहने को मजबूर है. स्थानीय लोगों की माने तो पानी निकासी नहीं होने के कारण वर्षा का सारा पानी सड़क पर ही जमा रहता. ऐसे में बालू युक्त मिट्टी डालने से कीचड़ होना स्वभाविक है. पानी निकासी के लिए नाली का होने बेहद जरूरी है. लोगों ने नाली निर्माण की मांग की है.
वही पानी के जमाव के कारण सड़क के बीचों बीच किचड़ से भरा बड़ा-बड़ा गड्डा बन गया है जो राहगीरों की राह में रोड़ा बनकर खड़ा है. प्रखंड वासियों को जिला मुख्यालय जाने के लिए एक मात्र यही यही सड़क है. वह भी बुरी तरह से जर्जर हो चुकी है. जिस कारण आये दिन छोटी मोटी दुर्घटनायें घटती रही है.
इन सड़कों पर लोगों को चलना एक चुनौती भड़ा है. जान जोखिम में डाल कर लोग आवागमन करते है. सबसे दिलचस्प बात यह है एक मात्र मुख्य सड़क होने के कारण बड़े बड़े पदाधिकारी, एमपी, विधायक इन सभी का काफिला इन्हीं रास्तों से गुजरती है. मगर इस रास्ते को दुरुस्त करने का ख्याल किसी के जेहन में नहीं आ रहा है. स्थानीय लोगों ने तत्काल इस सड़क को ठीक करने की मांग की है. ज्ञात हो यह सड़क स्टेट हाइवे 99 में चला गया है.
इस सड़क के निर्माण को लेकर दिघलबैंक नागरिक एकता मंच के बैनर तले दस सदस्यों ने भूख हड़ताल किया था. तब स्थानीय विधायक नौशाद आलम ने अनशनकारियों को भरोसा दिया था कि अभी इस सड़क का रिपेयरिंग कार्य होगा.जिससे लोगों को सड़क पर चलने में असुविधा नहीं होगी. मगर नतीजा डाक के तीन पात ही है. लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हम लोगों आंदोलन के लिये बाध्य होंगे.

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