डॉक्टर से लेकर कर्मियों के आने-जाने का नहीं है कोई टाइम टेबल, इलाज के लिए भटक रहे मरीज

खगड़िया : अभी सिस्टर (एएनएम) के रेस्ट रुम में रात में जाकर पीएचसी प्रभारी के आपत्तिजनक बातें करने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नये खेल का खुलासा हो गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सहित अलौली पीएचसी की व्यवस्था संभालने वाले हाकिम की कार्यशैली कटघरे में है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 17, 2018 5:43 AM

खगड़िया : अभी सिस्टर (एएनएम) के रेस्ट रुम में रात में जाकर पीएचसी प्रभारी के आपत्तिजनक बातें करने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नये खेल का खुलासा हो गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सहित अलौली पीएचसी की व्यवस्था संभालने वाले हाकिम की कार्यशैली कटघरे में है.

पीएचसी में कार्यरत कई डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी के नाम पर मजाक कर रहे हैं. दस दिन में एक बार आना और सभी दिनों की हाजिरी बना कर निकल जाना यहां आम बात है. इतना ही नहीं 11 बजे लेट नहीं एक बजे भेंट नहीं के तर्ज पर काम होने से इलाज के लिए मरीज भटकते रहते हैं. पीएचसी के एएनएम के उपस्थिति पंजी की अलग अलग दिनों में ली गयी तस्वीर सरकारी अस्पतालों में चल रहे ड्यूटी के काले कारोबार की पोल खोलने के लिए काफी है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अलौली में कब सुधरेंगे सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात.

घर बैठे ड्यूटी, उठा रहे वेतन
पीएचसी की उपस्थिति पंजी की तस्वीर स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही की कहानी बताने के लिए काफी है. बताया जाता है कि यहां कई स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जो 10-15 दिन में एक बार आते हैं और हाजिरी बना कर निकल जाते हैं. उदाहरण के साथ आपको समझाते हैं. पीएचसी के उपस्थिति पंजी की तस्वीर गौर से देखिए. इसमें क्रमांक संख्या 6 पर एएनएम पूनम कुमारी हाजिरी बनाती हैं. पहले रजिस्टर में छह मार्च तक की हाजिरी खाली है.
जबकि दूसरे दिन ली गयी तस्वीर में छह मार्च तक हाजिरी बन गयी है. तीसरे दिन की रजिस्टर की तस्वीर में एएनएम पूनम कुमारी का 12 मार्च तक की हाजिरी बन गयी है. उपस्थिति पंजी के अवलोकन के बाद कई और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इस तरह का खेल करने का खुलासा हो रहा है. बताया जाता है कि घर बैठे ड्यूटी और मजे से वेतन लेने वाले ऐसे स्वास्थ्यकर्मी सरकारी स्वास्थ्य सेवा को बीमार बनाने में अहम योगदान दे रहे हैं. ऐसे कई डॉक्टर भी हैं जो 11 बजे लेट नहीं एक बजे भेंट नहीं के तर्ज पर ड्यूटी कर रहे हैं.
सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बीमार, लोग लाचार
नक्सलग्रस्त इलाके में शुमार अलौली में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार व बीमार हो गयी है. लिहाजा सच में बीमार लोग लाचार हो गये हैं. जिनके पास पैसा है वह निजी क्लिनिक में जाकर इलाज करवा रहें लेकिन गरीबों की जिंदगी भगवान भरोसे है. पीएचसी के हालात सुधरने के बजाय दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं. हेल्थ सेंटर सहित अतिरिक्त स्वास्थ्य को कोई देखने वाला नहीं है. व्यवस्था बीमार रहने से मरीजों की लाचारी बढ़ गयी है. अधिकारियों का निरीक्षण होता है, गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद स्पष्टीकरण होता है, फिर कुछ दिनों बाद वहीं पुरानी बदहाल पटरी पर अलौली में सरकारी स्वास्थ्य सेवा दौड़ने लगती है.
मामले की होगी जांच
पीएचसी की व्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास जारी हैं. बिना छुट्टी के भागने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है. अगर कोई भी कर्मचारी कई दिनों की हाजिरी एक ही दिन आकर बना रहे हैं तो इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
डॉ संजीव कुमार, अलौली पीएचसी प्रभारी.
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