कटिहारः वेंडरों पर रेल प्रशासन अंकुश लगाने में नकाम साबित हो रही है. अवैध वेंडर बेखौफ ट्रेनों में अपना सामान रेल यात्रियों को बेचते हैं. जबकि उक्त ट्रेनों में जीआरपी स्काउट पार्टी तैनात रहती है तो फिर वेंडर किस प्रकार रेल प्रशासन की आदेश की धज्जियां उड़ाती है. सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जीआरपी के सामने वेंडर गुजरते रहते हैं फिर भी जीआरपी किसी प्रकार की कार्रवाई उन वेंडरों पर नहीं करती है. क्या इन कार्यो में जीआरपी की मिलीभगत रहती है.
कटिहार-जोगबनी रेल मार्ग हो अथवा कटिहार-बरौनी कटिहार रेलवे स्टेशन को छोड़ते ही वेंडर ट्रेनों पर सवार हो जाते हैं. दलन से जोगबनी तक वेंडरों का तांता लगा रहता है. जीआरपी ट्रेन में मौजूद रहती है, बावजूद वेंडर बेखौफ ट्रेनों में चीख-चीख कर अपना सामान बेचते हैं.
वेंडर गुटखा व सिगरेट की भी बिक्री धड़ल्ले से करते है. जबकि सिगरेट व तमाखु के सेवन पर रोक है. वहीं आरपीएफ के द्वारा कभी-कभी छापेमारी अभियान चला कर अवैध वेंडरों को गिरफ्तार करते हैं. बावजूद अवैध वेंडरों पर नकेल कसने पर रेल पुलिस विफल साबित हो रही है.