ट्रेड यूनियन की हड़ताल का असर शहीद चौक को घंटों रखा जाम

कटिहार : राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों से संबद्ध संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से सोमवार को विभिन्न मांगों के समर्थन में मोटर चालकों ने हड़ताल की. खासकर ऑटो चालकों की हड़ताल पर रहने की वजह से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखा गया. बंद समर्थकों ने हड़ताल के समर्थन में ट्रेड यूनियन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2017 5:09 AM

कटिहार : राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों से संबद्ध संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से सोमवार को विभिन्न मांगों के समर्थन में मोटर चालकों ने हड़ताल की. खासकर ऑटो चालकों की हड़ताल पर रहने की वजह से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखा गया. बंद समर्थकों ने हड़ताल के समर्थन में ट्रेड यूनियन से जुड़े नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने शहर के हृदय स्थली शहीद चौक का मुख्य मार्ग जाम कर दिया. करीब दो घंटे तक मुख्य मार्गों पर आवाजाही बाधित रही.

स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सड़क जाम हटाया गया. प्रशासन की ओर से ट्रेड यूनियन के नेताओं के साथ वार्ता की गयी तथा उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया. ट्रेड यूनियन में शामिल सीटू, एटक, इंटक, बीएमएस, एक्टू सहित विभिन्न ट्रेड यूनियन के नेता सड़क जाम के दौरान सरकार विरोधी नारा लगा रहे थे. ट्रेड यूनियन के नेताओं ने 24 घंटे के हड़ताल को अभूतपूर्व रूप से सफल बताया है. ट्रेड यूनियन नेता रामलगन सिंह, विकास सिंह,

मुमताज आलम, गौतम घोष, दयानंद सिंह, टुनटुन राय, टुनटुन यादव, विनोद यादव, राकेश चौधरी, अरूप घोष, दीपेंद्र देव यादव, अजीत राय, अजय कुमार, राजेश कुमार, शंभू पासवान, संजीत चौधरी, अशोक सिंह, असगर अली, ढोलू अंसारी, धनंजय सिंह आदि ने हड़ताल के समर्थन में सरकार की नीतियों पर जमकर बरसे. उल्लेखनीय है कि ट्रेड यूनियन संयुक्त ट्रेड यूनियन ने मोटर परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2016 में किये गये प्रावधानों के विरुद्ध रविवार की मध्यरात्रि से सोमवार की मध्य रात्रि तक हड़ताल पर रहने का आह्वान किया है. इस हड़ताल के समर्थन में परिवहन विभाग से जुड़े परिवहन मित्र ने भी अपना काम कार्य ठप कर नैतिक समर्थन दिया.

यह प्रमुख मांगें : ट्रेड यूनियन ने परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2016 को वापस लेने की मांग की है. साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस फीस, निबंधन फीस, 50 प्रतिदिन फिटनेस फीस वापस लेने, ऑटो रिक्शा पटना नगर सहित अन्य जिलों के पूर्व की भांति परमिट निर्गत करने, परिवहन उद्योग को बचाने, परिवहन मजदूरों की सुरक्षा करने आदि की मांग की गयी है. कटिहार जिले में ऑटो स्टैंड निर्धारित करने की मांग भी शामिल है.
ऑटो सहित अन्य वाहनों के नहीं चलने की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. ऑटो के हड़ताल पर होने की वजह से रिक्शा चालकों की चांदी करती. शहीद चौक से कोर्ट की ओर जाने वालों को परेशानी झेलनी पड़ी. दूसरी तरफ मिरचाईबाड़ी से आनेवालों को भी कठिनाई उठानी पड़ी. अधिकांश लोग अपने सामान के साथ पैदल चलते दिखे. बस से उतरने वाले यात्री को भी कोई वाहन नहीं मिलने की से पैदल चल रही है. रेलवे स्टेशन से अपने गंतव्य को जाने के लिए यात्रियों को भी परेशान होना पड़ा. यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों का भी रहा. ऑटो के नहीं चलने से बच्चे और वृद्ध लोगों को खास परेशानी उठानी पड़ी.

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