2011 की जनगणना के आधार पर होगा सीटों के आरक्षण का निर्धारणपंचायत चुनाव 2016के लिए निर्वाचन आयोग ने जारी किया गाइड लाइन प्रतिनिधि, कटिहार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के वर्तमान प्रतिनिधि अपने प्रभाव को बनाये रखने के लिए अभी से चुनावी रणनीति तैयार करने में लग गये हैं. वहीं जिला प्रशासन ने भी राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विभिन्न स्तरों पर पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल जिला प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती आयोग के निर्देशानुसार चक्रानुक्रम के तहत आरक्षण व्यवस्था को लागू करना है. आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को ज्ञापांक 2144 दिनांक 17.12.2015 के अनुसार आरक्षण रोस्टर लागू करने का निर्देश दिया है. यद्यपि पंचायत चुनाव 2016 को लेकर मतदाता सूची व मतदान केंद्र चिह्नित करने की तैयारी में भी प्रशासन जुट गया है. वहीं आयोग द्वारा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू करने के साथ ही पंचायतों में चुनावी सरगर्मी अभी से तेज हो गयी है. वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गये हैं. उल्लेखनीय है कि पंचायती राज अधिनियम के अनुसार दो चक्र के बाद सीटों के आरक्षण के क्रम में बदलाव किया जाना है. पहली बार 2006 में आरक्षण के आधार पर चुनाव हुआ. दूसरी बार उसी आरक्षण रोस्टर के तहत 2011 में चुनाव कराया गया. दो चक्र पूरा होने के बाद आरक्षण रोस्टर में बदलाव का प्रावधान है. यानी 2016 में होने वाला त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नये आरक्षण रोस्टर के आधार पर होगा. 2011 की जनगणना के आधार पर बनेगा आरक्षण रोस्टरराज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन के ज्ञापांक 2144 दिनांक 17.12.2015 के माध्यम से भी जिलाधिकारी को पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. 24 पेज की इस मार्गदर्शिका में जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच पद पर आरक्षण के निर्धारण की प्रक्रिया की जानकारी दी गयी है. आयोग के सचिव की इस मार्गदर्शिका के अनुसार चक्रानुक्रम के तहत होने वाले आरक्षण का आधार जनगणना 2011 होगा. मार्गदर्शिका में साफ कहा गया है कि सीटों के आरक्षण रोस्टर निर्धारित करने में किसी तरह के पक्षपात या भेदभाव व मार्गदर्शिका का उल्लंघन होने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी. आरक्षण रोस्टर के बदलाव की तैयारी से बढ़ी बेचैनीआयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण रोस्टर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. आयोजन के मार्गदर्शिका के तहत जनगणना 2011 के आधार पर आरक्षण रोस्टर की तैयारी शुरू होने से खास कर वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि की बेचैनी बढ़ गयी है. कौन सीट किस कोटि के लिए आरक्षित होगी. अब तक इसकी तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन आरक्षण के मौजूदा स्वरूप के बदलाव की सूचना से पंचायत प्रतिनिधि अपनी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. खासकर मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद के दावेदार अभी से रणनीति बना रहे हैं. सीट आरक्षण का प्रावधानत्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान है. इसके साथ ही सामान्य सीट की व्यवस्था भी दी गयी है. हालांकि पहले पंचायत चुनाव में कुछ सीट अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए सुरक्षित थी. 2006 में नीतीश सरकार ने 20 फीसदी सीट अतिपिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दी. इसी वर्ष से नीतीश सरकार ने आधी आबादी को भी 50 फीसदी आरक्षण दिया, यानी जिला परिषद, पंचायत समिति, मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच की कुल सीटों में से 50 फीसदी सीट महिलाओं की होगी. इन पदों के लिए होगा चुनावजिला परिषद सदस्य – 33पंचायत समिति सदस्य – 328मुखिया – 238सरपंच – 238वार्ड सदस्य – 3275पंच – 3275
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2011 की जनगणना के आधार पर होगा सीटों के आरक्षण का नर्धिारण
2011 की जनगणना के आधार पर होगा सीटों के आरक्षण का निर्धारणपंचायत चुनाव 2016के लिए निर्वाचन आयोग ने जारी किया गाइड लाइन प्रतिनिधि, कटिहार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के वर्तमान प्रतिनिधि अपने प्रभाव को बनाये रखने के लिए अभी से चुनावी रणनीति तैयार करने […]
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