कुरसेला-फलका स्टेट हाइवे 2015 में बना रहा डेथ जोननहीं हुआ सड़क सुरक्षा नीति का पालन फोटो नं. 40 कैप्सन-सड़क हादसे के बाद जुटी लोगों की भीड़ प्रतिनिधि, कटिहारकुरसेला से पोठिया, फलका होते हुए फारबिसगंज की ओर जाने वाली स्टेट हाइवे 77 इस वर्ष डेथ जोन बनी रही. कुरसेला से फलका तक सड़क दुर्घटनाओं में स्थानीय ही नहीं, बल्कि पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, अररिया, सुपौल जिलों सहित झारखंड राज्य के लोग भी मारे गये. इस राज्य मार्ग पर सरकार द्वारा बिहार सड़क सुरक्षा नीति का ना तो नीतिगत रूप से किसी सरकारी महकमा के द्वारा पालन किया गया और न ही इससे जुड़ी जानकारी आमलोगों या सड़क पर वाहन चला रहे चालकों को दी गयी. स्टेट हाइवे-77 पर अब तक लगभग 200 सौ की हुई मौतकुरसेला से फलका होते हुए फारबिसगंज तक जाने वाली स्टेट हाइवे पर निर्माण कार्य पूर्ण होने से अब तक लगभग दो सौ लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो चुकी है. लेकिन सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अथवा किसी गैर सरकारी संस्था के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया. इस सड़क पर छोटी गाड़ी के साथ-साथ बालू-गिट्टी ढोने वाले ट्रक से लेकर यात्री बसों का दबाव रहता है. सहरसा-महेशखूंट पथ बंद होने के पश्चात कोशी प्रमंडल के लोगों को भागलपुर की ओर जाने का यह नजदीकी रास्ता बन गया है. इससे इस पर वाहनों दवाब लगातार बना रहता है. तेज रफ्तार व अनियंत्रित वाहन से हो रही दुर्घटना—————————कुरसेला से फलका होते हुए फारबिसगंज की ओर जाने वाले एचएस 77 पर तेज रफ्तार व अनियंत्रित वाहन के चलने से सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई है. चिकनी सड़क पर दो पहिया, चार पहिया सहित बड़े वाहन के फर्राटा भरने तथा सड़क के किनारे घर व आबादी होने से भी हादसे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा सड़क पर मकई, धान तथा जलावन सुखाने से भी हादसे हो रहे हैं.नहीं किया जा रहा है बिहार सड़क सुरक्षा नीति 2015 का पालनबिहार सरकार के परिवहन विभाग ने 2015 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने व सुरक्षित सड़क यात्रा को लेकर बिहार सड़क सुरक्षा नीति 2015 बनायी, लेकिन प्रशासन की ओर से इस सुरक्षा नीति का ना तो व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया ना ही किसी स्तर पर इसकी जानकारी दी गयी. इस नीति के तहत सुरक्षित वाहन परिचालन के लिए उपाय तथा इसकी अनुश्रवण की व्यवस्था किस प्रकार हो, निर्देशित की गयी थी. लेकिन परिवहन विभाग की ओर से इसे व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं करने के कारण से सड़क दुर्घटना में इस सड़क सहित जिले के अन्य सड़कों पर कोई कमी नहीं आ रही है.जिले का कौन-कौन सी सड़क है डेथ जोनकुरसेला-फलका स्टेट हाइवे-77 के अतिरिक्त जिले में कई अन्य सड़क हैं, जो डेथ जोन की श्रेणी में आती हैं. मनिहारी से पूर्णिया वाया कटिहार सड़क भी डेथ जोन की श्रेणी में आती है. इस वर्ष कटिहार-गेड़ाबाड़ी मार्ग की स्थिति ठीक नहीं रहने से सड़क दुर्घटना में कुछ कमी आयी है, लेकिन पूर्व में भी इस सड़क को भी डेथ जोन माना जाता था.
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कुरसेला-फलका स्टेट हाइवे 2015 में बना रहा डेथ जोन
कुरसेला-फलका स्टेट हाइवे 2015 में बना रहा डेथ जोननहीं हुआ सड़क सुरक्षा नीति का पालन फोटो नं. 40 कैप्सन-सड़क हादसे के बाद जुटी लोगों की भीड़ प्रतिनिधि, कटिहारकुरसेला से पोठिया, फलका होते हुए फारबिसगंज की ओर जाने वाली स्टेट हाइवे 77 इस वर्ष डेथ जोन बनी रही. कुरसेला से फलका तक सड़क दुर्घटनाओं में स्थानीय […]
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