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पांच शक्षिकों के नियोजन को प्राधिकार ने किया अवैध घोषित

पांच शिक्षकों के नियोजन को प्राधिकार ने किया अवैध घोषित प्रतिनिधि, कटिहार शिक्षकों के नियोजन से संबंधित मामला देखने वाले जिला अपीलीय प्राधिकार ने मनसाही प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत राज कुरेठा में नियोजित पांच शिक्षकों को अवैध घोषित कर उसके विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी कटिहार को दिया है. यह आदेश […]

पांच शिक्षकों के नियोजन को प्राधिकार ने किया अवैध घोषित प्रतिनिधि, कटिहार शिक्षकों के नियोजन से संबंधित मामला देखने वाले जिला अपीलीय प्राधिकार ने मनसाही प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत राज कुरेठा में नियोजित पांच शिक्षकों को अवैध घोषित कर उसके विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी कटिहार को दिया है. यह आदेश जिला अपीलीय प्राधिकारी के पीठासीन पदाधिकारी ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. पंचायत शिक्षक नियोजन वर्ष 2006 के अंतर्गत नियोजित सात शिक्षकों को तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के आदेश से नियोजन रद्द कर दिया गया था. फलस्वरूप इनमें से कई अभ्यर्थियों ने आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में मामला दर्ज किया था. प्राधिकार का हालिया आदेश विगत तीन वर्षों में सबसे बड़ा आदेश माना जा रहा है. जिसमें एक साथ पांच शिक्षकों के नियोजन को रद्द किया जा सकता है. क्या था मामलाप्राधिकार के समक्ष पंचायत शिक्षक नियोजन वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षिका छाया कुमारी ने उच्च न्यायालय में अन्य शिक्षिका प्रियम कुमारी, पवन कुमार, उषा कुमारी, अमरनाथ चौधरी, चंदन कुमारी के साथ मिल कर अपने नियोजन को रद्द किये जाने को लेकर वर्ष 2008 में सिविल रिट दायर किया था. उक्त सिविल रिट में उच्च न्यायालय पटना ने वाद के सभी आवेदकों को प्राधिकार के समक्ष अपने मामले के निष्पादन के लिए भेज दिया था. इनमें से उक्त पांच अभ्यर्थियों ने प्राधिकार में आकर अपील तो दायर किया लेकिन प्राधिकारी में अपील वाद लंबित रहने के दौरान नियोजन इकाई एवं शिक्षा पदाधिकारियों से मिल कर विद्यालय में योगदान कर लिया तथा प्राधिकार से बिना अनुमति अपने वाद को वापस ले लिया. जबकि उच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश था कि प्राधिकार सभी मूल अभिलेखों की जांच-पड़ताल कर निर्णय लिया. नियोजन संबंधी मूल अभिलेख के बिना ही हो गये थे नियोजितप्राधिकार ने अपने फैसले में कहा है कि पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई वर्ष 2006 के ग्राम पंचायत राज कुरेठा से संबंधित सभी मूल अभिलेख मनसाही थाना कांड संख्या 15/2007 के अनुसंधान के क्रम में थानाध्यक्ष द्वारा जब्त किया गया था. जो अब तक इस प्राधिकार के समक्ष उपलब्ध नहीं कराया गया है. जबकि उच्च न्यायालय द्वारा मूल अभिलेख देखने का विशेष निर्देश था. छाया कुमारी के द्वारा प्राधिकार में दायर किया गया वाद में आया फैसलाप्राधिकार ने यह मामला तब और चर्चा में आ गया जब उच्च न्यायालय में दायर किये गये सिविल रिट में 6 अभ्यर्थियों में से पांच ने पुन: नियोजित होकर योगदान कर लिया तथा छाया कुमारी को योगदान संबंधी जानकारी नहीं दिया गया. इसी बीच छाया कुमारी ने उच्च न्यायालय में लंबित एक अन्य वाद को वापस लेते हुए प्राधिकार में अपील वाद दायर किया. जिसमें इन पांचों अभ्यर्थियों को पक्षकार बना दिया. सभी पांचों अभ्यर्थी वाद में अपनी उपस्थिति के बावजूद अपना पक्ष जानबूझ कर नहीं रखे. फलस्वरूप प्राधिकार ने सभी के नियोजन को अवैध घोषित कर कार्रवाई का आदेश दिया.

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