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ट्रेनों में सुरक्षित नहीं हैं यात्री, सुरक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति

ट्रेनों में सुरक्षित नहीं हैं यात्री, सुरक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति प्रतिनिधि, कटिहार बरौनी-कटिहार पैसेंजर ट्रेन में शुक्रवार की रात पसराहा व गोछारी रेलवे स्टेशन के बीच अपराधियों ने चलती ट्रेन में हथियार के बल पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है. इस घटना के बाद ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था की कलाई […]

ट्रेनों में सुरक्षित नहीं हैं यात्री, सुरक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति प्रतिनिधि, कटिहार बरौनी-कटिहार पैसेंजर ट्रेन में शुक्रवार की रात पसराहा व गोछारी रेलवे स्टेशन के बीच अपराधियों ने चलती ट्रेन में हथियार के बल पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है. इस घटना के बाद ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था की कलाई खुल गयी है. लूटपाट की घटना के बाद यात्रियों में दहशत का माहौल व्याप्त है. ट्रेन में लूट पाट की यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी अपराधियों ने ट्रेन में कई लूट की घटना को अंजाम दिया है. इसके बावजूद रेल पुलिस व प्रशासन सुरक्षा में ढिलाई बरत रहा है. हाल के दो माह पूर्व कटिहार-मालदा पैसेंजर ट्रेन में एक मखाना व्यवसायी से भी अपराधियों ने पांच लाख रुपये लूट कर प्राणपुर स्टेशन से बाहर निकल भागा था. जिसे स्थानीय लोगों के मदद से लोगों ने अपराधियों को दबोच कर उसे प्राणपुर थाना पुलिस के सुपूर्द किया था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ट्रेनों में कैसी सुरक्षा व्यवस्था रहती है कि अपराधी अपराध की घटना को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते है. इसके अलावा भी बरौनी-किउल रेलखंड में बीते माह पूर्व कई लूटपाट की घटना को अपराधियों ने बेखौफ होकर अंजाम दिया है. इनके अलावे नशा खुरानी का लूटपाट, छिनतई, अटैची लिप्टिंग सहित अन्य घटनाएं ट्रेनों में होती रहती है. जिनमें कुछ यात्री तो प्राथमिकी दर्ज कराते है अन्यथा सब अपने घर का रूख कर लेते है. तस्करी का माल भी सैकड़ो कलोमीटर की दूरी सफर कर लेती है ट्रेनें ट्रेन तस्करों के लिए सुगम संसाधन है. इसमें तस्कर अपने समानों को यत्र तत्र रखकर उसपर दूर से निगरानी कर अपने गंतव्य स्थान पर बड़े आसानी से उतार कर निकल जाते है. इस दौरान कई बड़ी खेप कटिहार रेल पुलिस ने बरामद की है लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर किस प्रकार ट्रेनों में आपत्ति जनक सामान सैकड़ों व हजार किलोमीटर की सफर तय कर कटिहार तक पहुंच जाते है. क्या जिस स्टेशन पर इस माल को पार्सल यान या फिर यात्री कोच में रखा जाता है क्या वहां चेकिंग नही होती है. इस तरह तो बारूद का भंडारण व हथियार की भी तस्करी बेखौफ ट्रेनों के द्वारा किया जा सकता है. अंतराष्ट्रीय बार्डर को छूती है कटिहार रेल मंडल कटिहार रेल मंडल अंतराष्टीय बार्डर नेपाल की सीमा व दूसरी ओर बंगला देश की सीमा को छूती है जहां से कभी भी आतंकी आसानी से कटिहार में प्रवेश कर सकती है और यहां से देश के किसी भी कोने तक जा सकती है. फिर कटिहार रेल मंडल में सुरक्षा व्यवस्था में इतनी बड़ी चूक ट्रेन सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़ा करता है. आरपीएफ व जीआरपी को धता बताते हुए अपराधियों ने शुक्रवार की रात जिस प्रकार लूट की घटना को अंजाम दिया है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रेनों में भी रेल यात्री असुरक्षित हैं.

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