इस मामले में कुछ लाभार्थियों को मात्र 80 हजार रुपये प्रति छह माह पहले भुगतान तो किया गया. उक्त राशि से गृह स्वामी मकान का नींव तो डाल लिया है, लेकिन उसके बाद 50 प्रतिशत की राशि का भुगतान किया जाना था, जो विभागीय उदासीनता के चलते अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते गृह स्वामी अपनी झुग्गी-झोपड़ी तोड़ कर फिलहाल ठंउ के मौसम में पॉलीथिन बांध कर गुजारा करने को विवश हैं.
उन्होंने जिला प्रशासन से अविलंब स्वयं के स्तर से पहल कर कार्य पूरा कराने का अनुरोध किया है. जब इस मामले में बिचौलिया सक्रिय रह कर राशि कम दिलाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं हाल जन वितरण प्रणाली में राशन केरोसिन में ठगी और काला बाजार का बाजार गर्म है. जबकि बिजली विभाग में भी बिना मीटर जांच कराये अत्यधिक बिल भेजने की बात आम हो गयी है.