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अग्निकांड के 16 घंटे बीत जाने के बावजूद राहत नहीं

अमदाबाद : प्रखंड के बबलाबन्ना गांव में मंगलवार की रात अमंगल बनकर आया. भीषण अग्निकांड की घटना में 42 परिवारों के 142 घर जल कर राख हो गया. जानकारी के अनुसार आग लगभग 12.30 बजे लगी. ग्रामीणों ने बताया कि उस समय लोग गहरी नींद में सो रहे थे. एका-एक आग की लपटें देखने के […]

अमदाबाद : प्रखंड के बबलाबन्ना गांव में मंगलवार की रात अमंगल बनकर आया. भीषण अग्निकांड की घटना में 42 परिवारों के 142 घर जल कर राख हो गया. जानकारी के अनुसार आग लगभग 12.30 बजे लगी. ग्रामीणों ने बताया कि उस समय लोग गहरी नींद में सो रहे थे. एका-एक आग की लपटें देखने के बाद गांव में चीख पुकार से पूरा गांव दहल उठा. लोग आग-आग की बात कह कर जिधर-तिधर भागने लगे.

लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह कैसे और क्या हो गया. चिख पुकार के बीच लोग अपनी व परिजनों की जान सलामत के लिए मदद की गुहार लगा रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि स्थिति इतनी खराब हो गयी थी कि लोग भागने के क्रम में गिर पड़ कर जख्मी भी हो गये. अंधेरा होने के कारण घर से नहीं निकाल पाये समानलोगों ने बताया कि रात होने एवं अंधेरा होने की वजह से लोग अपने घरों से एक भी समान बाहर नहीं निकला पाये.

पीडि़त सिर्फ अपने जान व परिजन की जान बचाने में जुटे रहे. जिसके कारण अगलगी की घटना में व्यापक क्षति हुई है. आग लगने से 42 परिवारों का आशियाना जल कर खाक हो गया. इस अगलगी की घटना में सात बकरी, दर्जनों मुर्गी, वस्त्र सहित घरेलू सामान, अनाज जल कर राख हो गया है. खप्तरूल आलम, अमानत अली, अबूल कलम, नजमूल हक सहित करीब तीन दर्जन से अधिक परिवारों का घर जल गया है.

नहीं पहुंच पाया दमकलअग्निकांड से निपटने के लिए अमदाबाद थाना में एक दमकल दिया गया है. कही भी अगलगी की घटना जब होती है तो दमकल वहां पहुंचकर आग को काबू पाने का प्रयास कर सके. पीड़ितों ने कहा कि आग रात के बारह बज कर तीस मिनट के आसपास लगी थी. रात में दमकल की सुविधा भी नहीं मिल सका. आग इतनी तेजी से फैल रहा था को देखते ही देखते दर्जनों परिवारों का दर्जनों घर जल गया. रात होने के कारण ग्रामीण को जुटने में देर हो गयी.

फिर भी ग्रामीण जुट गये. काफी मशक्कत करने के बाद आग पर किसी तरह काबू पाया गया. अन्यथा और ज्यादा नुकसान होता. दूसरे घरों में आग पकड़ लेता. दस घंटे बाद पहुंचे प्रशासन के लोगअगलगी की इतनी बड़ी घटना के बाद जहां गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. लोग राख के बीच अपने अाशियाने को निहार रहे थे.

वही प्रशासन के लोग घटना के दस घंटे बाद मौके पर पहुंच. इससे लोगों में आक्रोश देखा गया. लोगों का आरोप था कि घटना की सूचना रात में ही पुलिस, प्रशासन को फोन से दी गयी थी. लेकिन किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. यह तो भला हो कि इस अगलगी की घटना में जान माल का बहुत नुकसान नहीं हुआ और ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया. अन्यथा किया होता लोग सोच-सोच कर परेशान हो रहे हैं.

बुधवार को सुबह में मोबाइल फोन से स्थानीय व्यक्तियों ने प्रशासन को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद सरकारी कर्मी दिन के दस बजे के बाद पहुंचे. नहीं मिला सरकारी तौर पर राहतअमदाबाद के बबलाबन्ना गांव में अगलगी की घटनाको तकरीबन 16 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अग्निपीडि़त परिवारों को सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई राहत सुविधा प्रशासन की ओर से उपलब्ध नहीं करायी गयी है. जिसके कारण पीडि़त परिवार व बच्चे भूखे प्यासे बिलबिलाने को विवश हो रहे हैं.

गौरतलब हो कि अग्निपीड़ित परिवारों के बीच सरकारी स्तर पर राहत कार्य 12 घंटा बीत जाने के बाद भी नहीं चलाया गया है. पीडि़त परिवार बुधवार को जले हुए आशियाने के राख में अपना जिंदगी खोज रहे थे. भूख से तड़प रहे बच्चे पीड़ित परिवारों के बच्चे भूख से तड़प रहे हैं.

अगलगी की घटना के 16 घंटे बीत जाने के बावजूद प्रशासन की ओर से भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. ऐसे में बच्चे आने-जाने वाले व्यक्तियों को इस कदर देख रहे थे कि जैसे खाने के लिए कुछ लेकर आया हो. पीडि़त परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था. खासकर महिलाओं को विशेष कर हालात खराब थी. रोते हुए कह रही थी कि अब हमलोग क्या खायेंगे और अपने बच्चों को क्या खिलायेंगे. पीड़ित परिवारों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है.

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