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ताजिया जुलूस को देखने उमड़े लोग

ताजिया जुलूस को देखने उमड़े लोगजिले में शांतिपूर्ण माहौल में मना शहादत व मातम का पर्व मुहर्रम फोटो-1,2,3,4,5 कैप्सन-ताजिया जुलूस के साथ लोग, प्रदर्शन करते, जुलूस में शामिल महिलाएं प्रतिनिधि, कटिहारजिले में मुसलिम भाइयों ने मुहर्रम शांतिपूर्ण माहौल में मनाया. इस अवसर पर उन्होंने करबला में शहादत हुए अपने पैगंबर हसन-हुसैन को याद किया और […]

ताजिया जुलूस को देखने उमड़े लोगजिले में शांतिपूर्ण माहौल में मना शहादत व मातम का पर्व मुहर्रम फोटो-1,2,3,4,5 कैप्सन-ताजिया जुलूस के साथ लोग, प्रदर्शन करते, जुलूस में शामिल महिलाएं प्रतिनिधि, कटिहारजिले में मुसलिम भाइयों ने मुहर्रम शांतिपूर्ण माहौल में मनाया. इस अवसर पर उन्होंने करबला में शहादत हुए अपने पैगंबर हसन-हुसैन को याद किया और मुहर्रम का जुलूस अपने-अपने अखाड़ा से निकाला. जुलूस जिला प्रशासन के द्वारा जारी किये गये रूट चार्ट के अनुसार अखाड़ा खेलते अड़गड़ा चौक पहुंचकर अपने-अपने इमामबाड़ा की ओर लौट गये. इस दौरान सभी कमेटी अपने अपने करतबों का प्रदर्शन पूरे शहर में कर भ्रमण किया. इस बीच काफी संख्या में पुरुष के साथ महिलाएं भी जुलूस में शामिल थी. जुलूस का नेतृत्व कमेटी के खलीफा कर रहे थे. सभी कमेटी अपने-अपने ताजिया के साथ भारी संख्या में जुलूस में शामिल होकर अपने पैंगबर को याद कर रहे थे. हजारों की संख्या में सभी अपने अपने क्षेत्र के कमेटी के साथ अखाड़ा खेलते ढाक बजाते बढ़ते रहे. हजारों की संख्या में जुलूस में लोग शामिल थे. वहीं हिंदू धर्मावलंबी भी इस त्योहार में शामिल हुए थे और ताजिया जुलूस का अखाड़ा खेल रहे थे. ताजिया जुलूस को देखने के लिए हिंदू भाई घंटो धूप में खड़े होकर ताजिया जुलूस को देख रहे थे. ज्ञात हो कि मुहर्रम शहादत का त्योहार उर्दू वर्ष के अनुसार नववर्ष के प्रथम माह के दसवीं तारीक को मनाया जाता है. -बकरीद से ही आरंभ हो जाता है त्योहारबकरीद से ही शहादत का त्योहार मुहर्रम की सुगबुगाहट आरंभ हो जाती है. इस बीच इनके धर्म में 40 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है. जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वैसे-वैसे त्योहार अपने चरम पर रहता है. सभी अपने-अपने इमामबाड़े के समीप ढाक व लाठी भांजने सहित अन्य कला का प्रदर्शन करना शुरू कर देते है. नवमी व दशमी इनके लिए खास होता है. नवमी को कुछ कमेटी अखाड़ा निकालते है और दशमी को जिले के सभी इमामबाड़ों से ताजिया जुलूस निकाला जाता है. इसके बाद दशमी की रात भी अपने अपने तजिया में लाइट लगाकर उसे निकाला जाता है और देर रात तक अपने नियत समय पर ताजिया जुलूस निकालकर नगर थाना में अपने-अपने कमेटी की ओर से प्रदर्शन कर त्योहार का पहलाम करते है. आकर्षक होता है ताजिया को देखना मुहर्रम के दशमी को सभी इमामबाड़ों से ताजिया जुलूस के साथ जिला प्रशासन की ओर से जारी रूट चार्ट के अनुसार निकली. सभी कमेटी के ताजिया बेहद ही खुबसूरत दिख रहे थे. इसमें रामपाड़ा से दो, गढभैली, खानकाह, हरीगंज, फकर तकिया, इस्लामपुर, बरबन्ना, नासिरगंज, कदमपुर, हुसैनाबाद, रोजित पुर, शरीफगंज, दुर्गापूर, शरीफगंज नया टोला, मोफड़गंज, चौधरी मुहल्ला, हुसैना बाद, अमला टोला, डहेरिया व एमजी रोड की ओर से चार आकर्षक व खुबसूरत ताजिया बनाया गया था. -ताजिया में देखी मिसाइल मैन की झलक सभी कमेटी अपनी ओर से ताजिया को खुबसूरत व आकर्षक रूप दिया है. ताजिया में लाइट व कई आकर्षक डिजायन में भी देखा गया, जिससे ताजमहल सहित कुछ हैदराबाद का चारमीनार,मक्का मदीना तो कोई मिसाइल ब्रहमास्त्र बनाया था जो देश को मजबूत व सुढृढ़ बताने के लिए काफी थी. कुछ तजिया में मिसाइल मैन व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो भी दिख रही थी.

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