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संरक्षित होगा पर्यावरण तो सुरक्षित होगा जीवन

कटिहार: सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे तमाम कोशिशों के बावजूद पर्यावरण संकट और भी गहराने लगा है. शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस है. ऐसे मौके पर विविध तरह के आयोजन की तैयारी हो रही है. हर साल इस दिवस पर कुछ न कुछ जिले में होता रहा […]

कटिहार: सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे तमाम कोशिशों के बावजूद पर्यावरण संकट और भी गहराने लगा है. शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस है. ऐसे मौके पर विविध तरह के आयोजन की तैयारी हो रही है. हर साल इस दिवस पर कुछ न कुछ जिले में होता रहा है. आयोजन के जरिये पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लेते रहे हैं. लेकिन अब भी लोग पर्यावरण संकट से जूझ रहे हैं. शुक्रवार को होने वाले इस दिवस पर प्रभात खबर ने जिले के पर्यावरण के विविध आयामों पर पड़ताल की है. इस साल बदलते मौसम ने यह बता दिया है कि पर्यावरण से छेड़छाड़ कितनी मुसीबत को जन्म दे रहा है. मसलन असमय बारिश, चक्रवाती तूफान, भूकंप, बढ़ता तापमान, जलवायु परिवर्तन आदि पर्यावरण संकट का ही नतीजा है.
यह है प्रमुख कारण . पर्यावरण संकट का प्रमुख कारण जनसंख्या विस्फोट व तीव्र आर्थिक विकास है. यह पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों को प्रभावित करता है. इससे पर्यावरण असंतुलन से खतरा उत्पन्न हो गया है.
प्रमुख नदियां हो गयी प्रदूषित . जिले के तीन प्रमुख नदियां यथा गंगा, कोसी महानंदा तथा उसके सहायक नदियों का आस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है. यह नदियां न केवल सूखने लगी है. बल्कि प्रदूषित भी हो गयी है. जबकि जिले की यह नदियां आसपास के लोगों के लिए न केवल जीवन दायिनी है बल्कि पर्यावरण सरंक्षण के दृष्टि कोण से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
टावर भी बना कारण
पर्यावरण संकट का एक प्रमुख कारण मोबाइल प्रमुख टावर भी है. मोबाइल टावर के रेडियेशन से कई तरह की संकट उत्पन्न हो गयी है खासकर पक्षियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
प्रभात खबर अपील
विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रभात खबर आम लोगों से यह अपील करता है कि पर्यावरण के गंभीर संकट से निबटने के लिए वह आगे आयें. जीवन शैली में बदलाव कर पर्यावरण सरंक्षण का संकल्प लें. साथ ही पोलीथिन के उपयोग का बहिष्कार करें व ऐसा कोई काम नहीं करें, जिसमें पर्यावरण संकट उत्पन्न हो. साफ-सफाई के साथ-साथ जल संरक्षण भी करें.
कहते हैं पर्यावरणविद्
पर्यावरणविद डॉ टी एन तारक ने कहा कि पर्यावरण संकट के लिए सरकार की नीतियां मुख्य रूप से जिम्मेदार है. पर्यावरण संरक्षण के जरिये ही जीव जंतु को बचा सक ते हैं.

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