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आक्रोशित लोगों ने एएसआइ को बनाया बंधक

आजमनगर: भूमि विवाद की जांच करने आजमनगर थाना क्षेत्र के बल्लीपाड़ा पहुंचे एएसआइ अरविंद कुमार व पुलिस बल को आक्रोशित लोगों ने रविवार को बंधक बना लिया. यही नहीं लोगों ने पुलिस विरोधी नारेबाजी भी की. इस दौरान लोगों ने भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी को निलंबित करने की मांग की. पुलिस को बंधक बनाने की सूचना […]

आजमनगर: भूमि विवाद की जांच करने आजमनगर थाना क्षेत्र के बल्लीपाड़ा पहुंचे एएसआइ अरविंद कुमार व पुलिस बल को आक्रोशित लोगों ने रविवार को बंधक बना लिया. यही नहीं लोगों ने पुलिस विरोधी नारेबाजी भी की. इस दौरान लोगों ने भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी को निलंबित करने की मांग की.

पुलिस को बंधक बनाने की सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया. इसके बाद बारसोई एसडीओ फिरोज अख्तर, एसडीपीओ चंद्रीका प्रसाद मौके पर पहुंचे व आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर किसी तरह छह घंटे बाद पुलिस पदाधिकारी को मुक्त कराया. लोगों के अनुसार आजमनगर थाना क्षेत्र के बल्लीपाड़ा में दो सगे भाइयों डोमन अली व मुमताज के बीच भूमि विवाद चल रहा था.

भूमि विवाद को लेकर आजमनगर थाना में कांड संख्या 92/2015 मुमताज के आवेदन पर पुलिस ने दर्ज कर लिया, लेकिन दूसरे भाई डोमन द्वारा दिये गये आवेदन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई थानाध्यक्ष ने नहीं की. यही नहीं आजमनगर पुलिस ने इस मामले में डामन व उसके पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया. लोगों का आरोप है कि पुलिस एक पक्षीय काम रही है. इस कांड के अनुसंधानकर्ता एएसआइ अरविंद कुमार रविवार को बल्लीपाड़ा गांव पहुंचे. आरोप है कि अनुसंधानकर्ता एएसआइ एक पक्ष मुमताज के घर पर बैठ कर कागजी अनुसंधान कर रहे थे. इसी बीच दूसरे पक्ष के समर्थक बड़ी संख्या में आकर एएसआइ को बंधक बना लिया. इस दौरान एएसआइ अरविंद कुमार अपने बचाव में कुछ भी बोलते रहे, लेकिन उनकी बातों को लोगों ने नजरअंदाज कर दिया. आरोप है कि अनुसंधानकर्ता एएसआइ दोषी व्यक्ति के घर पर बैठ कर अनुसंधान कर रहे थे. घटना की खबर सुनते ही एसडीओ फिरोज अख्तर, एसडीपीओ चंद्रिका प्रसाद, पुलिस निरीक्षक विवेकानंद सिंह आदि दलबल के साथ पहुंचे. आक्र ोशित ग्रामीणों ने थानेदार अजीत कुमार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित करने की मांग करने लगे. लोगों ने मांग की कि बेगुनाह पिता व पुत्र को छोड़ा जाये. एसडीओ, एसडीपीओ ने काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों को इंसाफ दिलाने का वादा किया, तब ग्रामीण एएसआइ को छह घंटे बाद छोड़ने पर सहमत हुए.

कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि 21 मई को जिनका आवेदन पहले मिला था. उसके आधार पर मामला दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई की गयी. चूंकि गंभीर अवस्था में आवेदनकर्ता थाना आया था. जेल भेजे जाने के बाद 22 मई को दूसरे पक्ष द्वारा आवेदन दिया गया था, जिसका अनुसंधान चल रहा है.

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