बलरामपुर . प्रखंड के किसानों को गरमा धान की उचित कीमत नहीं मिलने पर किसान निराश व परेशान है. धान के गिरते मूल्य से किसान हताश हो रहे है. स्थानीय महाजन और बैंक से ऋण लेकर किसानों ने धान कर खेती की है. उनके सामने खेती में हुई नुकसान भारी पड़ रहा है. कर्ज चुकाना तो दूर की बात, आगे फसल उगाने के लिए उनके पास पूंजी नहीं है.
क्षेत्र के कृषक देवेन चंद्र दास, मो जलील, मो अनवार, मो जमशेद, हरेंद्र सिंह, रामपुकार महतो, अब्दुल मन्नान, खुर्शीद आलम, मो यूसुफ, शिनानाथ यादव, भुनेश्वर यादव, मंगल यादव, मो अखरू बताते हैं कि धान फसल इस बार लगाने में लगभग दस हजार रुपया प्रति एकड़ लगा.
धान तैयार होने के बाद कटनी के समय प्राकृतिक आपदा से आधा से अधिक धान खेत में ही झड़ गये. जिससे किसानों की परेशानी अधिक हो गया है. ऐसे क्षति वाला धान के फसल काटने में मजदूर भी आना-कानी करते हैं. ऐसी स्थिति में किसान किसान मजबूर होकर मजदूरों को एक चौथाई खेत के धान देने की बात कह कर धान कटवा रहे हैं.