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पीएचसी में प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति

कुरसेला : मरीजों के उपयोग के लिए प्रतिबंधित की गयी दवाओं के पीएचसी कुरसेला में ड्रग इंस्पेक्टर की जांच में पकड़े जाने की खबर से लोग अचंभित हैं. भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गयी डायरिया की दवा क्लोफसिन और दर्द विनाशक दवा डेंट का टेबलेट्स संबंधित मरीजों के रोग उपचार के लिए पीएचसी में उपलब्ध […]

कुरसेला : मरीजों के उपयोग के लिए प्रतिबंधित की गयी दवाओं के पीएचसी कुरसेला में ड्रग इंस्पेक्टर की जांच में पकड़े जाने की खबर से लोग अचंभित हैं. भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गयी डायरिया की दवा क्लोफसिन और दर्द विनाशक दवा डेंट का टेबलेट्स संबंधित मरीजों के रोग उपचार के लिए पीएचसी में उपलब्ध कराया गया था. जानकारी अनुसार इनमें डेंट का 11 हजार व क्लोफसिन का 200 टेबलेट उपलब्ध कराया गया था. ड्रग इंस्पेक्टर ने गत आठ अप्रैल 2015 को पीएचसी कुरसेला में दवाओं की जांच करते हुए सुपर सेंट कफ सिरफ, क्लोफसिन, डेंट, एप्रोशट चारों दवाओं का सैंपल अपने साथ ले गया था.

पीएचसी का फर्मासिस्ट सह दवा स्टोर रूम के प्रभारी ललन कुमार ने बताया कि विभागीय आदेश के आलोक में 16 अप्रैल 2015 को दवा स्टोर से प्रतिबंधित दवाओं को वापस भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दवा स्टोर की अद्यतन सूची उपलब्ध नहीं है. दवा उपलब्धता की सूचियां बोर्ड पर अंकित है. इस स्थिति में पीएचसी में दवा भंडारण की व्यवस्था लुंज-पुंज पाये गये. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के पीएचसी में उपलब्ध नहीं होने से इस संबंध में आधिकारिक रूप से विशेष जानकारी नहीं मिल सकी. इस बाबत पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह से पूछे जाने पर बताया कि प्रतिबंधित क्लोफसिन व डेंटा के प्रयोग से शॉट टर्म में नहीं लांग टर्म में लीवर किडनी के डाइमेज का खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंधित दवा की खरीददारी और पीएचसी में भेजने में कहीं न कहीं चूक हुई है.

मरीजों की भीड़. अन्य दिनों की भांति सोमवार को पीएचसी में मरीजों के उपचार के लिए भी बनी रही. मरीज प्रतिबंधित दवाओं के मामले में अनभिज्ञ दिखे. सोमवार को पीएचसी पहुंचने वाले मरीजों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं थी.

भरोसे को किया आहत
आमजनों को पीएचसी में इस प्रतिबंधित दवाओं की खबर ने उनके भरोसे को आहत किया है. लोगों को पीएचसी के दवा प्रयोग के विश्वास पर गहरा झटका लगा है.
प्रतिबंधित दवा के वितरण की आशंका
ऐसा माना जा रहा है कि स्वास्थ्य उपचार में हानिकारक समङो जाने वाले प्रतिबंधित दवाओं को मरीजों के बीच वितरण किया गया होगा, जिसमें मरीज रोग उपचार के नाम पर गंभीर रोगों का खतरा मोल ले गये होंगे. उसे क्या पता होगा कि रोग उपचार के नाम पर उसके जिंदगी से खिलवाड़ की जा रही है.
जलायी गयी थीं दवाएं
पूर्व में पीएचसी द्वारा थोक रूप से दवाओं को जलाया गया था, जिसे तत्कालीन प्रखंड प्रमुख अरुण मंडल व पूर्व प्रमुख वासुदेव प्रसाद यादव ने पीएचसी के कर्मियों को दवा जलाते हुए रंगे हाथ पकड़ा था. इसके अलावे विभिन्न मामलों को लेकर कुरसेला पीएचसी सुर्खियों में आता रहा है.

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