ग्रामीण के अनुसार 1932 ई में स्थापित विद्यालय नदी कटाव से कई बार विस्थापित हुआ. अब विद्यालय भवन नहीं है. इससे छात्रों की संख्या प्रत्येक वर्ष कम हो रहा है. वैसे तो विद्यालय में वर्ग आठ तक 488 नामांकित बच्चे हैं एवं आठ शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन उपस्थिति संतोषजनक नहीं है. मध्यान भोजन चलने के बावजूद उपस्थिति कम है.
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झोंपड़ी में मध्य विद्यालय
बलिया बेलौन: बलिया बेलौन के ग्राम पंचायत शिकारपुर अंतर्गत मध्य विद्यालय माहीनगर 20 वर्षो से भवन व भूमिहीन होकर झोपड़ी में संचालित हो रहा है. 90 के दशक तक मध्य विद्यालय माहीनगर एक आदर्श विद्यालय माना जाता था, लेकिन महानंदा नदी कटाव से विस्थापित होकर आज जजर्र अवस्था में है. ग्रामीण के अनुसार 1932 ई […]
बलिया बेलौन: बलिया बेलौन के ग्राम पंचायत शिकारपुर अंतर्गत मध्य विद्यालय माहीनगर 20 वर्षो से भवन व भूमिहीन होकर झोपड़ी में संचालित हो रहा है. 90 के दशक तक मध्य विद्यालय माहीनगर एक आदर्श विद्यालय माना जाता था, लेकिन महानंदा नदी कटाव से विस्थापित होकर आज जजर्र अवस्था में है.
कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक मो इनाम नबी ने बताया कि संसाधन का घोर अभाव है. भूमि नहीं होने के कारण सर्वशिक्षा के भवन, किचन शेड, शौचालय नहीं बना. बेंच डेक्स 1990 से पहले का, केवल दो-चार जोड़ी बचा है.
यह एक आदर्श विद्यालय था, लेकिन आज अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है. सीमित संसाधन में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है.
कहते हैं प्रतिनिधि
मामले में पंचायत के मुखिया वसीम अख्तर, विद्यालय के अध्यक्ष मो सोहेल, सचिव सुनीता देवी ने बताया कि ग्रामीणों से जमीन लेने का प्रयास किया जा रहा है. विद्यालय को स्थापित नहीं किया गया तो यहां के बच्चों को भविष्य खराब होगा. इस मामले में बिहार सरकार शिक्षा विभाग को भी गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए. मध्य विद्यालय माहीनगर को दो बार नदी कटाव से विस्थापित होना पड़ा. विद्यालय की भूमि नदी में समा गया है.
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