फोटो नं. 31 कैप्सन-लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का हाल 1983 से ही श्रमपुस्त कर्मचारियों के स्थायीकरण पर नहीं हुआ कामअभी भी लगभग ढ़ाई हजार पद पड़े हैं रिक्तप्रतिनिधि, आजमनगरतीस वर्षों से पूर्णिया प्रमंडल के सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया जिलों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में दैनिक श्रमपुस्त कर्मचारियों की जमात कम पगार पर सेवा दे रही है. उक्त कर्मचारी अपने स्थायीकरण की मांग 1983 से ही सरकार से करते आ रहे हैं.इन मुख्यमंत्रियों का गुजरा कार्यकालश्रमपुस्त कर्मचारी वर्ष 1983 से स्थायीकरण की मांग करते आ रहे हैं. इस दौरान चंद्रशेखर सिंह (1983-85), बिंदेश्वरी दूबे (1985-88), भागवत झा आजाद (1988-89), सत्येंद्र नारायण सिन्हा (1989-10 माह), जगन्नाथ मिश्र (1989-90), लालू प्रसाद यादव(1990-95, पुन: 95-97), राबड़ी देवी (97-99, पुन: 99-2000), नीतीश कुमार (2000 में सात दिन), राबड़ी देवी (2000-2005), नीतीश कुमार (2005-14), जीतन राम मांझी(2014-15) और फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. लेकिन किसी भी मुख्यमंत्री ने श्रमपुस्त कर्मचारियों की सुधि नहीं ली. गोपगुट के अनुसार श्रम पुस्त कर्मचारी जब सेवा में आये थे, उस वक्त 414 रुपये पगार था. वर्तमान में 6500 रुपये है. पूरे बिहार में श्रमपुस्त कर्मचारियों के चार हजार पद हैं. लगभग 2500 पद आज भी रिक्त पड़े हैं. उसे भरा जा सकता है. कहते हैं महामंत्रीगोपगुट महामंत्री (पटना) रामचंद्र प्रसाद ने दूरभाष पर बताया कि पीएचइडी मंत्री दामोदर राउत से मिल कर स्थायीकरण संबंधी ज्ञापन सौंपा जायेगा. हमारे दिन कब बहुरेंगे, हमलोग इसी इंतजार में हैं.
पीएचइडी के चार हजार श्रमपुस्त कर्मी कर रहे स्थायीकरण का इंतजार
फोटो नं. 31 कैप्सन-लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का हाल 1983 से ही श्रमपुस्त कर्मचारियों के स्थायीकरण पर नहीं हुआ कामअभी भी लगभग ढ़ाई हजार पद पड़े हैं रिक्तप्रतिनिधि, आजमनगरतीस वर्षों से पूर्णिया प्रमंडल के सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया जिलों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में दैनिक श्रमपुस्त कर्मचारियों की जमात कम […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement