बिहार के कटिहार में गैंगवार: शवों का नहीं चलता अता- पता, दियारा में गोलियों की तड़तड़ाहट का जानें इतिहास

Bihar News: बिहार के कटिहार में गैंगवार से दियारा इलाका थर्राया है. दो गुटों के बीच सैंकड़ो राउंड गोलियां चली. एक अपराधी की मौत भी हुई है. दियारा इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट की ये पहली घटना नहीं है. इसका पुराना इतिहास है. शव तक लापता कर दिये जाते रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 3, 2022 3:07 PM

Bihar News: बिहार के कटिहार में फिर एकबार गैंगवार से दियारा इलाका दहशत में है. खूनी झड़प पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बन गयी है. कटिहार में ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी दियारा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया है. वहीं जितनी मौतें अधिकारिक रूप से गिनाई जाती है उससे कहीं अधिक मौतें हकीकत में हो चुकी है. इस दावे को बल दियारा में गैंगवार के बाद लापता लोगों के कारण मिलता है. शव की बरामदगी तक मुश्किल रहती है.

सैंकड़ो राउंड गोलियां चली

कटिहार में शुक्रवार को मोहन ठाकुर गिरोह एवं सुनील यादव गिरोह में भी गैंगवार हुआ. इस दौरान दोनों ओर से सैंकड़ो राउंड गोलियां चलाई गयी. मोहनाचांदपुर दियारा के इस गैंगवार में कुल पांच लोगों के मारे जाने की आशंका है. हालाकि आधिकारिक पुष्टि केवल एक की ही हुई है. पुलिस कप्तान जितेंद्र कुमार ने रंगरा ओपी निवासी अरविंद कुमार के मारे जाने की पुष्टि की है. बता दें कि दशकों से वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दियारा में गैंगवार व खूनी झड़पें आम हो चुकी है.

गैंगवार के बाद सबूत दफन करने का इतिहास

दियारा क्षेत्र में आपसी वर्चस्व में ये खून खराबा होता रहा है. अधिकांश घटनाएं पानी के उतरने और कलई के कटने के समय ही होती है. कोसी और गंगा में जब ऊफान रहता है तो इलाकों के जलमग्न होने के कारण सभी लोग ऊपरी इलाके में चले जाते हैं. हालाकि गैंगवार के बाद सूचना मिलने पर जबतक पुलिस पहुंचती है तबतक ये लोग कई सबूतों को दफन करने में कामयाब हो जाते हैं.

Also Read: कटिहार में गैंगवार, पांच की मौत, मौके पर पहुंची दो थानों की पुलिस, सर्च ऑपरेशन जारी
दियारा में दर्जनों लोग लापता, शव की बरामदगी तक मुश्किल

गंगा व कोसी में वर्चस्व को लेकर दशकों से गैंगवार व गोली बारी होती रहती है. जिसमें दर्जनों लोगों की जानें गयी है, जिसमें अधिकांश का शव भी नही मिल पाता है. स्थानीय लोगों की माने तो गैंगवार के बाद मृतकों के शव को गंगा में बहा देते है या फिर उसे बालू के नीचे गाड़ देते है. जिस कारण शव नहीं मिल पाता है और मृतक की पहचान भी नहीं हो पाती है. दियारा में ऐसे दर्जनों परिवार है जिसके घर के लोग लापता है तथा उसकी कोई जानकारी अबतक उन्हें नही मिल पायी है. जिस कारण वह सभी उन्हें मृत ही मानकर जीवन यापन में जुट जाते है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version