कैमूर जिले में जल जीवन हरियाली अभियान में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को काम कम मिल रहा है. प्रतिदिन 100 मजदूरों के प्रस्तावित लक्ष्य की तुलना में वर्तमान में मनरेगा योजना में लगभग 25 मजदूरों को ही काम दिया जा रहा है. गौरतलब है कि सरकार की मनरेगा योजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक मजदूर वर्ग के लोगों को रोजगार प्रदान करना है.
प्रति दिन 14600 मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य
जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिले की कुल 146 ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा योजना से तालाब, आहर, पइन, निजी खेत, चैक डैम आदि तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. सरकार द्वारा प्रतिदिन एक पंचायत में 100 मनरेगा जॉब कार्डधारियों को रोजगार देने का लक्ष्य भी प्रस्तावित किया गया है. इस तरह जल जीवन हरियाली अभियान से संचालित मनरेगा योजनाओं में वर्तमान में जिले की 146 पंचायतों में 14600 मजदूरों को प्रति दिन रोजगार देने का लक्ष्य है. लेकिन, प्रति पंचायत 25 से अधिक मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. इस तरह प्रतिदिन 12900 मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा संदीप मौर्य ने बताया कि मजदूरों को प्रस्तावित लक्ष्य के अनुरूप रोजगार देने को लेकर उप विकास आयुक्त गजेंद्र कुमार सिंह द्वारा सभी पंचायत रोजगार सेवकों को जल्द से जल्द प्रस्तावित लक्ष्य के आलोक में रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक रोजगार देने का लक्ष्य मोहनिया तथा भभुआ प्रखंड में तथा सबसे कम रोजगार देने का लक्ष्य भगवानपुर तथा रामपुर प्रखंड में संभावित है. जबकि, अधौरा, भगवानपुर, कुदरा तथा रामगढ़ प्रखंड में सबसे कम मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है. मजदूरों को रोजगार देने में मोहनिया प्रखंड सबसे आगे चल रहा है.
मजदूरों को मिल रहे प्रतिदिन काम का प्रखंडवार ब्योरा
प्रखंड -प्रतिशत
अधौरा- 2
भभुआ -470
भगवानपुर -40
चैनपुर- 132
चांद -54
दुर्गावती -111
कुदरा -39
मोहनिया -591
नुआंव -51
रामगढ़ -32
रामपुर -178
प्रखंडों में मनरेगा की 68 योजनाओं में प्रगति शून्य
जल जीवन हरियाली अभियान के तहत मनरेगा योजना से संचालित पोखर, तालाब, आहर, पइन आदि के जीर्णोद्धार तथा निर्माण सहित अन्य योजनाओं में जिले के 11 प्रखंडों की 68 योजनाओं की प्रगति शून्य चल रही है. अगर इन योजनाओं की प्रगति तेज कर दी जाती है, तो मनरेगा से मजदूरों को रोजगार देने के प्रति पंचायत प्रति दिन के आंकड़े भी बढ़ जायेंगे. जानकारी के अनुसार, प्रगति शून्य वाली योजनाओं में मनरेगा की सबसे अधिक योजनाएं अधौरा तथा कुदरा प्रखंड में 9-9, चैनपुर तथा भगवानपुर प्रखंड में आठ-आठ, नुआंव तथा रामगढ प्रखंड में सात-सात, मोहनिया प्रखंड में छह, भगवानपुर तथा दुर्गावती प्रखंड में पांच-पांच, रामपुर प्रखंड में तीन तथा सबसे कम चांद प्रखंड की एक योजना है.
मानव दिवस सृजन में भी लक्ष्य से पिछड़ रहा जिला
जिले में संचालित की जा रही मनरेगा योजनाओं में मानव दिवस के सृजन के लक्ष्य में भी अभी जिला पीछे चल रहा है. जानकारी के अनुसार, अब तक जिले की 146 ग्राम पंचायतों को मिला कर कुल 44 लाख 87 हजार 238 मानव दिवस का सृजन किया जाना है. इसमें से अब तक 40 लाख 11 हजार 314 मानव दिवस का ही सृजन किया जा सका है. इस मानव दिवस के सृजन में सामान्य जाति के मनरेगा मजदूरों का मानव दिवस सृजन में लगभग 49 प्रतिशत, महिला मनरेगा मजदूरों को मानव दिवस सृजन में लगभग 47 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति तथा जन जाति के मजदूरों को लगभग 31 प्रतिशत मानव दिवस सृजन में योगदान है. इस तरह प्रस्तावित लक्ष्य के आलोक में मानव दिवस सृजन के मामले में सबसे ऊपर अधौरा प्रखंड तथा सबसे नीचे जिले का चांद प्रखंड चल रहा है.