कैमूर जिला अस्पताल में 5 से 25% बेड का आइसीयू होना अनिवार्य, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया गाइडलाइन

कैमूर जिला अस्पताल में 5 से 25% बेड का आइसीयू अनिवार्य होगा. एक आइसीयू में अधिकतम 12 बेड होंगे. एक से दूसरे बेड की दूरी 150 से 200 वर्ग फुट होगा. स्वास्थ्य विभाग ने आइसीयू के लिए गाइडलाइन जारी किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 7, 2022 5:20 AM

कैमूर. अब स्वास्थ्य स्थिर होने से पहले मरीज आइसीयू व सीसीयू से वार्ड में शिफ्ट नहीं किये जायेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर जिला अस्पतालों की आइसीयू के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया गया है. जिला अस्पतालों में बेड की क्षमता का पांच से लेकर 25 प्रतिशत बेड का आइसीयू होना अनिवार्य होगा.

स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति गठित की

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया था. इसमें निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति गठित की. समिति द्वारा आइसीयू और सीसीयू में भर्ती और इलाज से संबंधित विभाग को अपनी अनुशंसा भेजी. स्वास्थ्य विभाग ने समिति की अनुशंसा को मंजूर करते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों को लागू करने का निर्देश दिया है. अस्पतालों में कुल बेड की क्षमता का पांच से लेकर 25 प्रतिशत बेड की आइसीयू अनिवार्य रूप से होना चाहिए. एक आइसीयू 12 बेड से अधिक के नहीं हो सकते हैं. एक बेड से दूसरे बेड की दूरी 150 से 200 वर्ग फुट होनी चाहिए. मरीज के सिर वाले हिस्सा में बेड दीवार से दो फुट दूर होना चाहिए. सभी बेड के साथ आधुनिक कार्डियो रेस्पिरेटरी मॉनीटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.

चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य

मॉनीटरिंग सिस्टम के सामने ही नर्स के बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि नर्स इसे आसानी से देख सकें. आइसीयू में एक वेंटीलेटर पर एक नर्स रहेंगी. मगर दो बेड पर एक नर्स रह सकती हैं. वेंटीलेटर मैनेजमेंट में प्रशिक्षित रेजिडेंट डॉक्टर को 24 घंटे रहना अनिवार्य होगा. आइसीयू का संचालन सीनियर डॉक्टर की देखरेख में किया जायेगा. उनकी मदद में पोस्ट ग्रेजुएट के मेडिकल स्टूडेंट रहेंगे. आइसीयू के लिए फिजियोथेरेपिस्ट, डाइटीशियन और बायोमेडिकल इंजीनियर अनिवार्य रूप से रहेंगे. अस्पतालों में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, ब्लड बैंक और फार्मेसी होना चाहिए. आपातकाल और महामारी के समय में अस्पतालों को बेड की क्षमता बढ़ाने की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है

Next Article

Exit mobile version