नुआंव (कैमूर) : लगभग 10 वर्षो से बंद पड़े प्रखंड क्षेत्र के जैतपुरा पंप कैनाल से पानी मिलने की आस खत्म होती जा रही है. नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है. वर्ष 2008 से अब तक किसानों ने छह बार सीएम के जनता दरबार में गुहार लगा चुके हैं.
हालांकि, पंकज राय, धीरेंद्र उपाध्याय, सुरेश पासवान, पप्पू राय व चंद्र प्रकाश चौबे समेत क्षेत्र के अन्य किसानों ने मुख्यमंत्री (सीएम) के जनता दरबार में 15 दिसंबर 2008 को आवेदन देकर इस कैनाल को चालू करवाने के लिए गुहार लगाई थी, जिस पर सिंचाई मंत्री विजेंद्र यादव के निर्देश पर विभाग के अफसर कैनाल का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आलोक में कैनाल को चालू करवाने के लिए एक करोड़ 85 लाख 85 हजार की योजना बनी.
रिपोर्ट में अक्टूबर 2010 से मार्च 2011 के बीच कैनाल को चालू कराने की बात लिखी गयी थी. लेकिन, यह कैनाल चालू नहीं हो सका. इसको लेकर किसानों ने एक बार फिर सीएम जनता दरबार का दरवाजा खटखटाया लेकिन नतीजा शून्य ही निकला.
उधर, कैमूर डीएम अरविंद कुमार सिंह ने कैनाल को चालू कराने के लिए पुरजोर प्रयास किया, लेकिन कभी लो वोल्टेज तो कभी फ्लैक्सिबल पाइप का नहीं होना आदि ने इस कैनाल से नहरों में पानी छोड़ने के मामले में पेच फंसती रहा. वहीं, सूखी हुई नहर में गांव की महिलाओं ने उपला (गोइठा) पाथने का काम शुरू कर दिया है.
बंद पड़े जैतपुरा कैनाल को चालू कराने के लिए करोड़ों रुपये की योजना बनायी गयी. लेकिन इस योजना में गड़बड़ी का आशंका किसानों ने जतायी है. अब जैतपुरा कैनाल चालू कराने के लिए क्षेत्र के किसान आमरण अनशन के मूड में दिख रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी ही कैनाल को चालू नहीं कराया गया तो वे लोग सीएम के जनता दरबार में आमरण अनशन करेंगे.
वहीं कहा कि कैनाल को चालू कराने के लिये वर्ष 2008 से अब तक 6 बार सीएम जनता दरबार में गुहार लगाई जा चुकी है. अब देखना है कि शायद आमरण अनशन के बाद कैनाल चालू हो जाये.